पिछले साल हुए असफल सैन्य तख्तापलट के प्रयास में शामिल रहने का है इन पर आरोप।

ANKARA: तुर्की ने पिछले वर्ष हुए असफल सैन्य तख्तापलट के प्रयास में शामिल रहने के आरोप में सात हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर शिक्षाविद तक शामिल हैं। कुल 7563 कर्मी सरकारी सेवा से हटाए गए हैं। पुलिस सेवा के 2303 अधिकारियों पर गाज गिरी है। इनके अतिरिक्त विश्वविद्यालयों के 302 शिक्षक निशाने पर आए। सरकार के अनुसार उसने यह कार्रवाई न्यायपालिका, पुलिस और शैक्षणिक संस्थानों में पारदर्शिता लाने के लिए की है। तुर्की में 15 जुलाई 2016 को कुछ सैनिकों ने सरकारी इमारतों पर बम से हमला कर दिया था और आम नागरिकों पर गोलियां चलाई थीं।

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गुलेन को ठहराया था जिम्मेदार

तुर्की अधिकारियों ने इस तख्तापलट की कोशिशों के लिए मुस्लिम धर्मगुरु फतेउल्लाह गुलेन को जिम्मेदार ठहराया था। बागी सैनिकों ने तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश की थी। हालांकि, अमेरिका में रहने वाले गुलेन ने उस तख्तापलट में किसी भी भूमिका से इन्कार किया था। तबसे तुर्की अमेरिका से गुलेन के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।

गौरतलब है कि बीते साल की हिंसा में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे।  तख्तापलट की कोशिशों के बाद से तुर्की पहले ही एक लाख से अधिक अधिकारियों को बर्खास्त कर चुका है और 50 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

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Posted By: Chandramohan Mishra