तुर्की के पास खाशोग्गी की हत्या से जुड़े कई अहम सबूत मौजूद
इस्तांबुल (एएफपी)। तुर्की के पास पत्रकार जमाल खाशोग्गी की हत्या से जुड़े सऊदी अरब के खिलाफ कई अहम सबूत मौजूद हैं। तुर्की के एक बड़े अखबार ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। अखबार ने बताया कि बड़े सबूत के तौर पर तुर्की को पत्रकार की हत्या से जुड़ी दूसरी ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली है। हुर्रियत अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि दूसरी ऑडियो रिकॉर्डिंग करीब 15 मिनट की है, जिसे सुनकर साफ पता चलता है कि खाशोग्गी की हत्या पहले से तय थी। बता दें कि अखबार की यह रिपोर्ट सऊदी अभियोजक के उस बयान को गलत साबित कर रही है, जिसमें उन्होंने गुरुवार को कहा था कि पांच सऊदी अधिकारियों को खाशोग्गी की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है लेकिन देश के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का इस हत्या से कोई भी लेना देना नहीं है।
तुर्की को मिले दो ऑडियो रिकॉर्डिंग
तुर्की का कहना है कि हत्या सऊदी की एक टीम द्वारा की गई थी, जो उसी इरादे से इस्तांबुल आये थे। राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्डोगन ने कुछ समय पहले कहा था कि पत्रकार को मारने का आदेश रियाद सरकार के "उच्चतम स्तर" से आया था। हालांकि, उन्होंने इस मामले में क्राउन प्रिंस को सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया। हुर्रियत अखबार में स्तंभकार अब्दुलकदीर सेल्वी ने कहा कि सऊदी अभियोजक के बयान और सबूत के तौर पर तुर्की के हाथ लगे दो ऑडियो रिकॉर्डिंग एक दूसरे से मैच नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि पहली सात मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग यह साबित करती है कि खाशोग्गी को बार बार परेशान किया जा रहा था और दूसरी रिकॉर्डिंग यह साफ करती है कि पत्रकार की हत्या की प्लानिंग पहले ही कर ली गई थी। उन्होंने बताया कि दूसरी ऑडियो रिकॉर्डिंग यह साबित करती है कि दूतावास में पत्रकार की हत्या के दौरान सऊदी अरब से आये 15 अधिकारी मौजूद थे। तलाक के पेपर्स लेने गए थे दूतावास
गौरतलब है कि 59 वर्षीय अनुभवी पत्रकार, जमाल खाशोग्गी 2 अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के बाद गायब हो गए थे। वे वहां अपने तलाक के दस्तावेजो को लेने के लिए गए थे।सऊदी सरकार ने शुरू में कहा था कि वह पीछे के दरवाजे से वाणिज्य दूतावास से निकले थे लेकिन वैश्विक आक्रोश के बाद सऊदी अरब ने स्वीकार किया कि उनके एजेंटों ने खशोग्गी को मार दिया।
तुर्की ने कहा, सऊदी सरकार के सबसे बड़े स्तर ने दिया लेखक को मारने का आदेश