अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ट्विटर पर गुस्सा निकाला। दरअसल सोशल मीडिया दिग्गज ने ट्रंप के दो ट्वीट्स को भ्रामक बताया था जिसके बाद ट्रंप ने ट्विटर पर 2020 राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।

वाशिंगटन डीसी (एएनआई)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बुधवार को ट्विटर पर तब भड़क पड़े, जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके दो ट्वीट्स को भ्रामक बताया गया। इसको लेकर ट्रंप ने ट्विटर को फटकार लगाई है। साथ ही उस पर अमेरिका में इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।

ट्विटर अब राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा

ट्रंप ने ट्वीट किया, 'ट्विटर अब 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है। वह मेरे बयान को तोड़-मरोड़ के पेश कर रहा, जिससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी शामिल है। यह खबर पूरी तरह से गलत है, फेक न्यूज सीएनएन और अमेजन वाशिंगटन पोस्ट ने इसके तथ्यों की जांच भी की।' बता दें ट्रंप को ये ट्वीट इसलिए करना पड़ा क्योंकि ट्विटर ने दावा किया था कि ट्रंप ने पिछले कुछ ट्वीट्स में वोटर्स के साथ धोखाधड़ी करने की बात कही थी।

.@Twitter is now interfering in the 2020 Presidential Election. They are saying my statement on Mail-In Ballots, which will lead to massive corruption and fraud, is incorrect, based on fact-checking by Fake News CNN and the Amazon Washington Post....

— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 26, 2020फ्रीडम ऑफ स्पीच का नहीं घोंट सकते गला

अमेरिकी राष्ट्रपति यहीं नहीं रुके, उन्होंने ट्विटर को फ्रीडम ऑफ स्पीच में दखल देने से दूर रहने को कहा। ट्रंप ने कहा, 'ट्विटर पूरी तरह से फ्रीडम ऑफ स्पीच का दम घोंट रहा है, और मैं, राष्ट्रपति के रूप में, ऐसा नहीं होने दूंगा!" ट्विटर ने कहा कि यह कदम ट्रम्प की टिप्पणी के आसपास "संदर्भ" प्रदान करने के उद्देश्य से था। ट्विटर ने कहा कि मेल-इन वोटिंग के बारे में ट्रम्प के ट्वीट ने कंपनी के नियमों का उल्लंघन नहीं किया क्योंकि वे लोगों को मतदान से हतोत्साहित नहीं करते हैं। लेकिन, कंपनी ने कहा, वह सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों के आसपास संदर्भ से जुड़े दूसरे कंटेट सामने ला रहे थे।

ट्विटर ने दी यह सफाई

ट्विटर के प्रवक्ता केटी रोजबोरो ने एक ईमेल में सीएनएन बिजनेस को बताया, "इन ट्वीट्स में मतदान प्रक्रियाओं के बारे में संभावित भ्रामक जानकारी है और मेल-इन मतपत्रों से जुड़े अन्य आॢटकल यूजर्स के सामने आए इसलिए यह लेबल लगाया गया है। यह निर्णय उस दृष्टिकोण के अनुरूप है जो हमने इस महीने की शुरुआत में साझा किया था।'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari