- नेपाल से टवेरा में लोड कर ले जा रहे थे सहारनपुर lucknow@inext.co.in LUCKNOW : उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब को नशे की आग में झोंकने की बड़ी साजिश को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) बरेली यूनिट और सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने नाकाम कर दिया। एसटीएफ ने शनिवार सुबह फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा के पास कार से 75 किलो चरस बरामद की। जिसे पीछे की सीट और चेसिस के बीच में फर्श काटकर बनाई गई कैविटी में छिपाया गया था। पुलिस ने मौके से बिहार के मूल निवासी दो तस्करों को दबोचा है। दोनों को पूछताछ के बाद शाम को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। बरामद चरस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 75 लाख रुपये बताई जा रही है। नेपाल से तस्करी कर लाई गई थी पकड़े गए तस्कर हदीस उर्फ रहीस बिहार में मोतीहारी जिले के पिपरा क्षेत्र के टोला चाप मुहल्ला और दीपक सिंह मुजफ्फरपुर में मोतीपुर का निवासी है। एसटीएफ बरेली यूनिट प्रभारी अजयपाल सिंह ने बताया कि हदीस पुराना तस्कर है। 29 नवंबर की रात नेपाल के रास्ते बिहार में नरकटियागंज जिले के पास गोपालगंज में यह माल लाया गया। यह माल नेपाली सप्लायर मनोज कुमार ने भेजा था। नरकटियागंज से पिपरा कस्बे और पिपरा होते हुए मोतीहारी पहुंचा। यूपी निकाय चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के चलते माल को 29 नवंबर के बजाय एक दिसंबर की सुबह टवेरा कार की कैविटी में छिपाकर तस्कर रवाना हुए। तीन ट्रैप हुए फेल उन्होंने बताया कि पहले गोरखपुर, फिर लखनऊ में दो जगह एसटीएफ की टीम तस्करों की गाड़ी पकड़ने के लिये ट्रैप लगाया लेकिन, वह बच निकलने में सफल रहे। शनिवार सुबह फतेहगंज पश्चिमी टोल से पहले ही टवेरा पकड़ ली गई। पूछताछ में हदीस और दीपक ने बताया कि माल सहारनपुर के गंगोह कस्बे से गुजर रहे हाईवे किनारे एक पेट्रोल पंप के पास डिलीवर होना था। हालांकि, इन दोनों को सहारनपुर वाले तस्कर के बारे में नहीं बताया गया था। दोनों को पेट्रोल पंप के पास पहुंचकर फिर मनोज को कॉल करनी थी। तब किसी व्यक्ति को पेट्रोल पंप पर यह कार हैंडओवर की जानी थी। इसी कार में खेप के बदले मिलने वाले रुपये भी छिपाकर बिहार तक ले जाने थे। एसटीएफ तस्करों की चेन के बारे में छानबीन कर रही है।

Posted By: Inextlive