अपहरण का खेल हुआ फेल, गए जेल
- लंका पुलिस ने खुद के अपहरण का झूठा नाटक रचने वाले बाप बेटे को पकड़ा, तगादे से बचने के लिए रची थी साजिश
1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढउधार लिए गए रुपयों के तगादे से बचने के लिए बाप बेटे की ओर से रची गई अपहरण की साजिश उन पर भारी पड़ गई। लंका पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस के मुताबिक राम भरत ओझा समेत जिन लोगों को नामजद किया गया था उनके मकान में आरोपी भरत तिवारी पिछले कई सालों से कोचिंग चलाता था। किराए के रूप में करीब आठ लाख रुपये बकाया हो चुका था। ओझा किराये की तगादा कर रहा था। सीओ भेलूपुर अखिलेश सिंह के मुताबिक गत आठ जुलाई को लंका थाने पहुंचे भरत तिवारी के बेटे आनंद तिवारी नामक युवक ने जमकर हंगामा किया था। अपने पिता के अपहरण का मुकदमा तत्काल ना लिखे जाने पर पुलिसवालों की वर्दी उतरवाने की धमकी दी थी। थाने पर मौजूद सीओ व इंस्पेक्टर ने क्रॉस चेक करने के लिए मौका मुआयना की बात कही लेकिन आनंद पहले रिपोर्ट लिखे जाने पर जोर दे रहा था। पुलिस ने रामभरत ओझा, उनके बेटे और पत्नी के खिलाफ आइपीसी की धारा 365, 506 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया। विवेचना के दौरान लेनदेन विवाद की बात सामने आई। भरत तिवारी ने लिखित तौर पर बकाया कबूल किया था लेकिन अदा नहीं किया। इस बीच पुलिस ने छापेमारी कर पिता संग उसे भी हिरासत में ले लिया। पिता-पुत्र ने कबूल किया कि उनकी मंशा दूसरे पक्ष को दबाव में लेकर बकाया माफ कराने की थी।