क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: सिटी के प्राइवेट लै4स ने पिछले 25 दिनों में कोरोना जांच से करीब दो करोड़ 16 ला2ा रु

RANCHI: सिटी के प्राइवेट लैब्स ने पिछले 25 दिनों में कोरोना जांच से करीब दो करोड़ 16 लाख रुपए की कमाई की है। मई के शुरुआत में ही झारखंड में चार लैब को कोविड-19 का टेस्ट करने की अनुमति मिली थी। इसमें पाथ काइंड लैब, एसआरएल लिमिटेड, डॉ लाल पैथ लैब और कोर डायग्नोस्टिक शामिल हैं। इनमें से पाथ काइंड लैब ने सबसे पहले 4 मई से सैंपल लेना शुरू किया था। इसके तीन दिनों के बाद से बाकी के तीन लैब ने भी सैंपल लेना शुरू किया था। अब तक इन प्राइवेट लैब्स ने 4814 से भी ज्यादा टेस्ट किया है। 4500 रुपए में एक टेस्ट किया जा रहा है। इस हिसाब से प्राइवेट लैब वालों ने अभी तक दो करोड़ 16 लाख से भी ज्यादा राशि टेस्ट के एवज में लोगों से वसूली है।

सरकारी लैब में फ्री होता है टेस्ट

राज्य के सभी सरकारी लैब में फ्री में टेस्ट हो रहा है। लेकिन, जिन्हें प्राइवेट लैब से टेस्ट कराना है, वे 4500 रुपए खर्च कर रहे हैं। राज्य भर में अभी तक सरकारी लैब्स ने करीब 60 हजार लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। राज्य के सबसे बड़े कंटेनमेंट जोन हिंदपीढ़ी से 8,440 लोगों के सैंपल की जांच सरकारी लैब में की जा चुकी है। इनमें 8368 की रिपोर्ट नेगेटिव मिली, जबकि 72 पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं प्राइवेट लैब में अब तक हुई जांच में करीब 25 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

लगातार बढ़ रही है पेंडेंसी

प्राइवेट लैब्स में कोरोना जांच की सुविधा के बावजूद सरकारी लैब ज्यादा बोझ है। चूंकि ज्यादातर लोग फ्री में टेस्ट कराना चाहते हैं, इसलिए इनमें सैंपल की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। राज्य के कई जिलों में जांच के लिए ट्रूनेट मशीनें लगाने के बाद भी जांच के लिए लंबित रह जा रहे सैंपल की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्थिति यह है कि 29 मई तक दस हजार से अधिक सैंपल पेंडिंग थे। जांच में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय से कोबाज-6800 मशीन की मांग की है, जिससे एक दिन में 1200 सैंपल की जांच हो सकेगी। वहीं, 50 अतिरिक्त ट्रूनेट मशीनों की मांग की है। अभी राज्य में ऐसी 30 मशीनें लगाई जा रही हैं।

आइसीएमआर खोले फील्ड स्टेशन

इधर, बढ़ते केसेज के बीच जांच की गति को बढ़ाने के मद्देनजर राज्य सरकार ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) से रांची में अपना फील्ड स्टेशन खोलने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार और आइसीएमआर के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो तथा राज्य को समय पर जांच संसाधन उपलब्ध हो, इस सोच के साथ रांची में आइसीएमआर के फील्ड स्टेशन बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन के साथ हुई बैठक में राज्य के पदाधिकारियों ने बताया था कि अभी प्रतिदिन दो से ढाई हजार सैंपल की जांच हो रही है, लेकिन बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के लौटने से जांच की गति जल्द ही बढ़ाने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में सैंपल लंबित रह जाने की भी जानकारी देते हुए राज्य सरकार को लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए आइसीएमआर के भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय केंद्र को अधिकृत करने का सुझाव दिया। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जांच संसाधनों का स्टॉक भुवनेश्वर में होने पर राज्य में आसानी से मंगाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ। नितिन मदन कुलकर्णी ने आइसीएमआर के महानिदेशक को पत्र लिखकर रांची में फील्ड स्टेशन बनाने तथा लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय केंद्र को अधिकृत करने का प्रस्ताव दिया है।

Posted By: Inextlive