- क्लैट एग्जाम में क्लैट पॉसिबल और आईएमएस के शामिल होने का लगाया आरोप

- इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की कैंडीडेट्स ने रिट, हाल में जारी किया था रिवाइज रिजल्ट

LUCKNOW: देश की टॉप लॉ यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए हुए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में जारी हुए रिजल्ट से स्टूडेंट्स के सामने भविष्य को लेकर संकट की स्थिति खड़ी हो गई है। यूनिवर्सिटी की ओर जारी रिजल्ट पर नौ जुलाई को होने वाले हाईकोर्ट की सुनवाई में इसका भविष्य तय होगा, तब तक यह रिजल्ट प्रोविजनल ही माना जाएगा। अगर कोर्ट यूनिवर्सिटी की ओर से जारी किए गए रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होती है तो ऐसे में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के भविष्य पर संकट पैदा हो सकता है। हालांकि कैंडीडेट्स ने दो कोचिंग संस्थानों पर धांधली का आरोप भी लगा दिया है। ऐसे में इस रिजल्ट पर और भी प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं।

विवादों के घेरे में यूनिवर्सिटी

लॉ यूनिवर्सिटी में होने वाले एडमिशन के लिए आयोजित क्लैट एडमिशन टेस्ट का रिजल्ट जारी होने के कुछ ही दिनों के बाद ही रिजल्ट रिवाइज किया गया था। एग्जाम के मूल्यांकन करने में राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से भारी चूक हो गई थी। यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंसर-की में आठ सवालों के जवाब बदलने से यूजी और पीजी का रिजल्ट बदल गया है। राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी ने 10 मई को क्लैट के एग्जाम का आयोजन किया था। जिसमें देशभर से करीब 42 हजार कैंडीडेट्स ने हिस्सा लिया था। लोहिया यूनिवर्सिटी ने क्लैट का रिजल्ट 20 मई को जारी किया था। इसमें ऑल इंडिया और स्टेट रैंक दी गई थी। स्टेट रैंक उन कैंडीडेट्स के लिए फायदेमंद थी, जिनके स्टेट में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मौजूद है। बाद में इस पर विवाद हुआ और मूल्यांकन पर सवाल उठे। मामला कोर्ट तक गया। जिसके बाद राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी को रिजल्ट रिवाइज करना पड़ा था। इसमें तमाम कैंडीडेट्स की न केवल ऑल इंडिया, बल्कि स्टेट रैंक भी बदल गई है।

राजधानी के हैं दो कोचिंग संस्थान

क्लैट रिजल्ट के खिलाफ 11 स्टूडेंट्स ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दायर किया है। जिसमें कैंडीडेट्स ने राजधानी के दो कोचिंग संस्थानों क्लैट पॉसिबल और आईएमएस लर्निग रिर्सोस प्राइवेट लिमिटेड पर सांठगांठ कर एग्जाम पेपर प्राप्त करने का आरोप लगाया है। रिट दाखिल करने वाले कैंडीडेट का कहना है कि क्लैट पॉसिबल ने यूनिवर्सिटी से सांठगांठ कर पहले से पेपर का पैटर्न पता कर लिया था। जिस कारण से इस संस्थान के सबसे ज्यादा कैंडीडेंट्स क्लैट एग्जाम में रैंक हासिल करने में सफल रहे हैं। साथ ही रिट में यह आरोप भी लगाया है कि क्लैट पॉसिबल की डायरेक्टर क्लैट आयोजित करा रहा एडवाइजरी कमेटी की सदस्य भी है। जिसकी मिलीभगत कर उन्होंने एग्जाम में अपने स्टूडेंट्स को हेल्प किया है।

यूनिवर्सिटी ने किया इंकार

वहीं इस पूरे मामले पर राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी ने पूरी तरह से इंकार कर दिया है। क्लैट कंवीनर जेडी गंगवार ने बताया कि क्लैट पॉसिबल की डायरेक्टर यूनिवर्सिटी के किसी भी कमेटी की सदस्य नहीं है। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी ने क्लैट एग्जाम आयोजित करने के लिए दो ही कमेटी बनाई है। पहली कोर कमेटी है जिसमे खुद यूनिवर्सिटी के वाइंस चांसलर प्रो। गुरदीप सिंह के साथ दूसरे वाइस चांसलर भी शामिल है। वहीं दूसरी कमेटी इम्पलीटेशन कमेटी होती है, जिसमें सभी कुलसचिव शामिल हैं। जेडी गंगवार ने बताया कि यूनिवर्सिटी के किसी भी कमेटी में व्यवसायिक काम से जुड़े लोग को शामिल नहीं किया जाता है।

Posted By: Inextlive