Allahabad: पहले रास्ते का रोड़ा हटाया और फिर जिंदा सुबूत. सोचा ऐसा करके मंजिल का सफर आसान बना लेंगे. लेकिन पाप आखिर कब तक छिपता. बड़े से बड़ा शातिर भी कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है. फिर इन्होंने तो पहला अपराध किया था. आखिर पकड़ ही लिए गए और सामने आ गया सच. नजदीकी के चक्कर में ये हमेशा के लिए दूरी बना बैठे.

कुछ लोग प्रेम को ईश्वर मानते हैं। तो कुछ कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। लेकिन, इस कहानी में प्यार का अलग ही है। चचेरे भाइयों के पापी प्यार का रूप। सगी बहनों के प्यार में ये इस कदर दीवाने हुए कि लड़कियों को पाने की चाह में उनके पिता को ही मौत के घाट उतार दिया। प्रेमी से कातिल बने इन युवकों ने रास्ते में आई पड़ोसन के खून से भी अपने हाथ रंगने में गुरेज नहीं किया। करछना एरिया में हुए शिव राम सोनी और ननकी देवी मर्डर केस का पुलिस ने वर्कआउट करते हुए कुछ ऐसा ही खुलासा किया। एसएसपी उमेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि डबल मर्डर के पीछे का मकसद अपने प्यार को पाना था। कत्ल के आरोप में राजकुमार और उसके कजिन लवकुश को गिरफ्तार कर लिया गया है।

प्रेम रोग लगा था
शिव राम सोनी अम्बेडकर नगर के रहने वाले थे। उनकी तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी लव मैरिज कर चुकी है। दोनों छोटी बेटियां इंटर की स्टूडेंट हैं। शिव राम की एक शॉप है। शॉप पर उनकी दोनों बेटियां भी बैठती थीं। शॉप पर आने जाने के दौरान गांव के ही राजकुमार उर्फ छोटू और उसके कजिन लवकुश अपना दिल हार बैठे। लवकुश को शिवराम की बड़ी बेटी राधा (परिवर्तित नाम) से और राजकुमार को छोटी बेटी पूजा (परिवर्तित नाम) से प्यार हो गया। लवकुश ने बताया कि करीब एक साल से उनकी लव स्टोरी चल रही थी। सामने से भी ग्रीन सिग्नल था तो मिलने में कोई दिक्कत नहीं थी। दोनों अलग-अलग शॉप पर जाते थे ताकि किसी को कोई शक न हो।

शादी की बात चली तो हो गए बेचैन
इस लव स्टोरी में अक्टूबर भूचाल आ गया। पिता ने बेटी राधा के रिश्ते की बात चला दी थी। कुछ लोग राधा की शादी के लिए शिवराम के घर बात करने गए थे। वह राधा की शादी के लिए राजी भी हो गए। इसकी जानकारी राजकुमार और लवकुश को हुई तो उनके होश उड़ गए। उन्हें लगा कि राधा की शक्ल-सूरत और काम देखने के बाद रिश्ता पक्का हो जाना तय है। इसके बाद ग्रेजुएशन के स्टूडेंट राजकुमार और लवकुश का दिमाग शादी हर हाल में रोकने की तरफ डायवर्ट हो गया। शादी रोकने का और कोई रास्ता न दिखने पर उन्होंने राधा के पिता को रास्ते से हटाने का फैसला ले लिया। इसके पीछे उनका मकसद घर में मातम का माहौल बनाना था ताकि कम से कम एक साल के लिए शादी टल जाए। इस बीच वह खुद को सैटिल्ड करने की कोशिश करेंगे और किस्मत ने साथ दिया तो शादी भी कर लेंगे।
छोटी दिवाली के दिन हुआ था कत्ल
योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए छोटी दिवाली की रात का दिन तय किया गया। लवकुश और राजकुमार ने स्वीकार किया कि दो नवंबर की रात वह पूरी प्लानिंग के साथ राधा के घर पहुंचे थे। मिड नाइट के बाद वे निकले थे ताकि किसी को कुछ शक न हो। छत के रास्ते घर में पहुंचे और कमरे में सो रहे शिवराम के सिर पर हमला कर उसे मौत की नींद सुला दिया। हत्या के बाद वे उसी रास्ते से लौटे। छत से कूदे तो पड़ोस में घर के बाहर सो रही ननकी जग गई। ननकी ने दोनों को देख लिया और शोर मचाने की कोशिश की। यह देख दोनों ने सोचा कि अगर अब इसे जिन्दा छोड़ दिया तो वे फंस जाएंगे। इसलिए वहीं पर ननकी देवी को भी मौत के घाट उतार दिया और भाग निकले।
पुलिस के साथ-साथ लगे रहे
एसएसपी उमेश श्रीवास्तव को राजकुमार और लवकुश ने बताया कि डबल मर्डर के बाद भी वे गांव छोड़कर भागे नहीं। उन्हें पता था कि वे गायब हुए तो गांव वालों को शक हो जाएगा। इसलिए वे घर में ही रहे। नेक्स्ट डे डबल मर्डर के बाद स्पॉट पर आईजी व एसएसपी पहुंचे तो दोनों कजिन पुलिस के साथ-साथ लगे रहे और देखते रहे कि पुलिस क्या क्या कर रही है।
फंस गए
पुलिस ने बताया कि यह ब्लाइंड मर्डर केस था। पुलिस को कोई क्लू नहीं मिल रहा था। आशनाई के मामले में भी पुलिस को कोई एंगिल नहीं समझ आ रहा था। वारदात के कुछ दिनों बाद राज कुमार और लवकुश साउथ इंडिया चले गए। वहीं से अपने परिचितों को फोन करके हाल चाल पूछते थे कि मर्डर केस में क्या हुआ। सर्विलांस की मदद से पुलिस को क्लू मिला। पुलिस पहले राजकुमार और लवकुश के पिता को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर चुकी थी लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। लेकिन, इस बार जब बच्चों को पकड़ा तो कहानी खुलती चली गई। उन्होंने खुद ही स्वीकार कर लिया कि कैसे और किसलिए मर्डर को अंजाम दिया। वर्कआउट में करछना एसओ आदित्य सिंह और चौकी इंचार्ज श्रवण का विशेष योगदान रहा।

Posted By: Inextlive