- रिलायंस के मेट्रो एजी-2 से चार बेशकीमती राउटर ले गए बदमाश

-खुद को कंपनी कर्मचारी बताकर स्ट्रांग रूम में दाखिल हुए डकैत

-संदेह के चलते सिक्योरिटी गार्ड को पुलिस ने कस्टडी में लिया

Meerut: मेरठ में 2.50 करोड़ की हाईटेक डकैती को अंजाम दिया गया। रिलायंस के 4जी नेटवर्क लांचिंग से पहले मेरठ कंट्रोल रूम से बेशकीमती राउटर्स चोरी कर लिए गए। ब्रह्मापुरी थानाक्षेत्र स्थित सरस्वती लोक में रिलायंस 4जी का कंट्रोल रूम है और से पूरे शहर के नेटवर्क को मेंटेन किया जाता है। खुद को रिलायंस कर्मचारी बताकर हाईटेक बदमाश स्ट्रांग रूम में एंट्री कर गए और सिक्योरिटी गार्ड को बंधक बनाकर महज 7 मिनट 4 राउटर लेकर फरार हो गए। बदमाश कार से आए थे। रविवार को मामले की छानबीन के लिए एसएसपी भी मौके पर पहुंचे।

दिख रहे थे एग्जीक्यूटिव

हाईटेक डकैती को बेहद सावधानी अंजाम दिया गया। सरस्वती लोक के गेट पर दुकानों के ऊपर रिलायंस का मेट्रो एजी-2 स्थित है। शनिवार सुबह करीब 6 बजे एक कार वहां पहुंची। रिलाइंस की ड्रेस और गले में कार्ड डालकर दो एग्जीक्यूटिव दिखने वाले बदमाश सीढि़यां चढ़कर ऊपरी मंजिल पर पहुंचे। यहां सिक्योरिटी गार्ड हरिराम तैनात था। बदमाशों ने खुद को दिल्ली हेडऑफिस का रिलायंस कर्मचारी बताया और कहा कि अंदर वीडियोग्राफी करनी है।

टेक्निक से भेदी सुरक्षा

बदमाशों का मालूम था कि मेट्रो एजी-2 का दरवाजा सिक्योरिटी लॉक्ड है, जिसका कोड उस समय सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड को मालूम था। जैसे ही गेट को डीकोड कर सिक्योरिटी गार्ड केबिन दाखिल होता है, बदमाश उसे पीछे से धक्का देकर अंदर ही गिरा दिया। इस बीच सीढि़यों पर खड़े तीन अन्य बदमाश भी अंदर दाखिल हो गए और सिक्योरिटी गार्ड को पैकिंग टेप से बांध दिया। मुंह पर मेडिकल टेप चिपकाया और उसका मोबाइल लेकर राउटर के साथ फरार हो गए।

सिक्योरिटी गार्ड भी घेरे में

रोहटा रोड निवासी सिक्योरिटी गार्ड हरिराम पुलिस कस्टडी में हैं, ब्रह्मापुरी थाना पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। घटना की जो कहानी सिक्योरिटी गार्ड ने बताई, पुलिस को उसपर यकीन नहीं है। एसओ सतेंद्र सिंह का मानना है कि पूरे घटनाक्रम में रिलायंस के किसी कर्मचारी का हाथ हो सकता है तो सिक्योरिटी गार्ड भी भूमिका भी संदिग्ध है। गार्ड ने खुद पैकिंग टेप छुड़ाकर रिलायंस अफसरों को फोन किया। जबकि ये सब आसान नहीं था। देर शाम सिक्योरिटी गार्ड को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।

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क्या है मेट्रो एजी-2

4जी लांच करने से पहले रिलायंस से हर मेट्रो में एक या दो एजी-2 की स्थापना की। मेरठ एवं आसपास की जगहों के फोन, इंटरनेट डाटा आदि को मेट्रो एजी-2 से स्टेट हेडक्वार्टर (नोएडा) को ट्रांसफर किया जाता है। मेरठ में मेन ईकाई एजी-2 ही है।

50 करोड़ के उपकरण

यहां इतने कीमती उपकरण रखें है इस बात की जानकारी आसपास के लोगों को नहीं थी, यहां तक कि पुलिस भी आश्चर्य मान रही थी। पूछताछ में पता लगा कि करीब 50 करोड़ के उपकरण मेट्रो एजी-2 में हैं।

और चलता रहा नेटवर्क

मेरठ के 4जी लांचिंग से पहले रिलायंस ने दो मेट्रो एजी-2 स्थापित किए हैं। बेहतर यह रहा कि घटना के दौरान पल्लवपुरम स्थित एजी-2 लाइव था और कनेक्टिविटी बरकरार रही।

रिलायंस के मेट्रो एजी-2 में कुछ बदमाशों ने कीमती राउटर्स लूट लिए हैं। कुछ सुराग हाथ लगे हैं। हर दिशा में पुलिस काम कर रही है, जल्द ही वारदात को अंजाम देने वाले पकड़ में होंगे।

-जे रविंद्र गौड़, एसएसपी, मेरठ

Posted By: Inextlive