ईश्वर शरण पीजी कालेज में वक्ताओं ने रखे अपने विचार

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PRAYAGRAJ: ईश्वर शरण पीजी कॉलेज के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की ओर से शुक्रवार को दो दिवसीय नेशनल संगोष्ठी की शुरुआत हुई। न्यू एजुकेशन पॉलिसी, ए विजन डाक्यूमेंट फॉर न्यू इंडिया: पॉसिबिलिटी एंड चैलेंजेज विषय पर आयोजित हुई संगोष्ठी की शुरुआत अध्यक्ष, शासी निकाय,ईश्वर शरण डिग्री कालेज आरके श्रीवास्तव मुख्य अतिथि कुलपति प्रो। राम मोहन पाठक, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा चेन्नई ने की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो। के रामसुब्रमणियम ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो। आनंद शंकर सिंह ने नई शिक्षा नीति पर प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रकाश डाला। आज के समय में शिक्षा नीति कितनी कारगर एवं लाभप्रद है। सरकार की नीति एवं मानसिकता, उसकी मनसा नई शिक्षा नीति को लेकर कैसी है, इस बारे में चर्चा की।

उच्च शिक्षा में सार्थक हुआ काम

संगोष्ठी के दौरान प्राचार्य प्रो। आनंद शंकर सिंह ने कहा कि आधुनिक काल में ईसाई मिशनरियों एवं ईस्ट इंडिया कम्पनी के द्वारा उच्च शिक्षा में कुछ सार्थक काम हुआ। शिक्षा नीति में बदलाव हुए। उस समय नई शिक्षा नीति को लेकर मदरसों का निर्माण हुआ। मदरसों का व्यापक प्रभाव था, लेकिन समय के साथ मदरसों में बदलाव आता चला यगा। फिर हमारे सामने एक नई बदलाव आए, नए मॉडल आए, यूनिवर्सिटी, डिग्री कालेज का प्रारूप सामने आया। उसकी स्थापनाएं हुई। राधाकृष्ण आयोग और कोठारी आयोग हमारे सामने है। इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी अपने पक्ष रखे। सेमिनार में सचिव डॉ। मनोज कुमार दुबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Posted By: Inextlive