मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने नर्सिग कॉलेज की दो दिन की छुट्टी की

शासन ने लिया मामले को गंभीरता से संज्ञान, कॉलेज से मांगी रिपोर्ट

 

Meerut : पुलिस की लापरवाही से आंसू गैस से हताहत हुई नर्सिग की छात्राओं ने शनिवार को हॉस्टल छोड़ दिया। मेडिकल प्रशासन की ओर से एक सप्ताह की छुट्टी की घोषणा के बाद ज्यादातर छात्राएं परिजनों के साथ अपने-अपने घर चली गई। वहीं दूसरी ओर प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए शासन ने मेडिकल कॉलेज से प्रशासन ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

 

ये था घटनाक्रम

शुक्रवार को पंचायत चुनाव के मद्देनजर शासन के निर्देश पर सूबे के हर थाने को मॉक ड्रिल के निर्देश दिए गए थे। मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित मेडिकल थाना पुलिस ने बिना अनुमति के थाने के समीप ग्राउंड में मॉक ड्रिल शुरू कर दी। इस दौरान दागे गए आंसू गैस के गोले समीप स्थित नर्सिग हॉस्टल में जा गिरे। यहां कैंटीन के पास गिरे एक गोले ने निकली आंसू गैस की चपेट में नाश्ता कर रहीं करीब पचास नर्सिग छात्राएं आ गई। अफरा-तफरी और भागदौड़ के बीच छात्राएं बेहोश होने लगीं तो मेडिकल प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई। कॉलेज के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर छात्राओं को इमरजेंसी में भर्ती कराया तो वहीं सामान्य हताहत छात्राओं का हॉस्टल में ही इलाज किया गया था। करीब 21 गंभीर छात्राओं का इमरजेंसी में दिनभर इलाज चला।

 

गुलजार हास्टल हुआ खाली

मौजूदा समय में बीएससी नर्सिग एवं एएनएम की करीब 175 छात्राएं हॉस्टल में रह रही है। घटनाक्रम की जानकारी पर सभी छात्राओं के परिजन शाम तक मेरठ पहुंच गए। वहीं दूसरी ओर हादसे की गंभीरता और छात्राओं की मानसिक स्थिति को देखते हुए कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ। प्रदीप भारती ने एक सप्ताह के अवकाश की घोषणा कर दी। शुक्रवार रात्रि तक ज्यादातर छात्राएं परिजनों के साथ अपने घर के लिए निकल चुकी थीं तो वहीं शेष छात्राएं शनिवार प्रात: हॉस्टल से चली गई। शनिवार को हॉस्टल पूरी तरह से खाली हो चुका था।

 

एसओ को बचाने में लगी पुलिस

अति संवेदनशील मेडिकल कॉलेज परिसर में बिना अनुमति के मॉक ड्रिल के प्रकरण में सीधे तौर पर सीओ मेडिकल बचन सिंह सिरोही एवं पुलिसकर्मी दोषी हैं। घटनाक्रम के बाद सीओ बड़ी लापरवाही को महज इत्तेफाक बताते रहे तो वहीं आलाधिकारियों की चुप्पी सवाल खड़ा कर रही है। एसएसपी दिनेश चंद्र दूबे ने प्रकरण पर जांच बैठाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया है तो वहीं जांच अधिकारी एसपी सिटी ओपी सिंह ने अभी फाइल खोलकर नहीं देखी। बेशक पुलिस प्रकरण पर परदा डाल रही हो किंतु शासन सजग है। सूत्रों के मुताबिक गृह विभाग ने घटनाक्रम की रिपोर्ट पुलिस से तलब की है।

Posted By: Inextlive