- होली में निकली पारंपरिक बारात

- फूलों की खेली गई होली

- होली पर निकलेगा विजय जुलूस

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: होली पर सतरंगी रंग शहर के लोगों पर खूब फबे। राजधानी में पूरे उत्साह और उल्लास के साथ रंगों का त्योहार मनाया गया। होली के त्योहार पर इस साल असमंजस की स्थिति भी बनी रही। ऐसे में इस बार होली दो दिन बुधवार और गुरुवार दोनों दिन मनाई गई। शहर के ही कुछ इलाकों में अलग-अलग दिन होली की धूम रही है। दो दिन होने के कारण भी लोगों में उत्साह और जोश की कमी नहीं रही। अपने चाहने वालों और दोस्तों के संग लोगों ने खूब जमकर रंग खेला। बुधवार को भोर में 3:18 मिनट पर मुहूर्त के समय अनुसार होलिका दहन किया गया। सूरज निकले ही बच्चे और बड़े रंग लेकर अपने-अपने घर से निकले। एक-दूसरे पर अबीर-गुलाल और पानी वाले रंग डालकर होली खेली गई।

डीजे पर थिरके लोग

बुधवार भोर में होलिका दहन के बाद से सड़कों पर होलियारों की टोलियों की मस्ती देखने वाली थी। जगह जगह रंग बरसाया जाने लगा था। होली दहन के बाद ही एक दूसरे को रंग में रंगने का दौर शुरू हो गया जो शाम तक बदस्तूर चलता रहा। इसके अलावा जगह जगह पर डीजे पर बजते गानों पर थिरकते लोगों ने पूरे हर्षोल्लास के साथ होली मनाई। रंग बरसे , बलम पिचकारी व होली के कई गानों की डीजे पर धूम रही। होली का हुड़दंग देखने लायक था। दो दिन लगातार होली होने के कारण डीजे की आवाज कम नहीं पड़ी लगातार दो दिन तक डीजे पर गाने बजते है और लोग नाचते गाते हुए होली को एंजाय किया। हिंदू-मुस्लिम एकता का दिखा माहौल

चौक की मशहूर रंगोत्सव बारात

नवाबों के दौर से चली आ रही है। यह रंगोत्सव बारात बुधवार को कोनेश्वर चैराहे ,कमला नेहरु मार्ग, मेडिकल कालेज चौराहे व मेफेयर तिराहा होते हुए वापस चौक चौराहे पर आई। इसमें सभी आयु वर्ग ने लोगों ने हिस्सा लिया। इस बार ईको.फ्रेंडली रंगों का अधिक इस्तेमाल किया गया। जैसे ही चौक से नवाबी दौर की फेमस होली बारात निकली लोगों में गजब का उत्साह दिखा। डीजे की बजती धुन पर जैसे ही होरियारों ने पारंपरिक बारात उठाई लोग खुशी से झूम उठे। इसमें आगे आगे ऊंट, घोड़े संग डीजे वाले भी चल रहे थे। इस बारात का स्वागत मुस्लिम एकता समिति द्वारा बड़ जोश के साथ किया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे पर इत्र छिड़का, माला पहनाई और गुलाल हवा में उछालकर होली मनाई। चौक के होलिकोत्सव समिति के संयोजक अनुराग मिश्र ने बतया कि चौक की होली बारात हिंदू मुस्लिम एकता का इतिहास समेटे है। उन्होने बताया कि एक दौर था जब नवाबों के दौरान लोग केसर के रंगो से होली खेलते थे। समय और दौर बदला तो टेसू और पलाश के फूलों से बने रंग से लोग एक दूसरे को रंगने लगे लेकिन आजादी के बाद होली का स्वरूप बिगड़ गया और रंगों के जगह केमिकल और कीचड़ ने ले लिया। जिससे लोगों ने होली खेलना कम कर दिया। इसको देखते हुए यहां हम लोगों ने सोचा कि कुछ किया जाए ताकि आपसी सौहार्द और भाईचारा बना रहे। तब से ही यह बारात निकलती आ रही है। इस बारात में में लालजी टंडन, जिलाधिकारी राजशेखर , एसएसपी राजेश पांडे ने शिरकत की। जहां पर इन लोगों का स्वागत हुआ तो वहीं लोगों के साथ होली खेलकर उनको बधाई दी।

Posted By: Inextlive