RANCHI: देश भर के बैंक कर्मी 31 जनवरी से दो दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान झारखंड में लगभग दस लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। नेशनल लेवल पर ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ कर्मचारी संगठनों की ओर से इसका नेतृत्व किया जा रहा है। झारखंड में इसका नेतृत्व यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स की ओर से किया जा रहा है। इस दौरान राज्य में बैंकिंग सेवाएं बाधित रहेंगी। रविवार होने के कारण बैंक तीन दिन तक बंद रहेंगे।

देश में 25 लाख कर्मी

फोरम के संयुक्त संयोजक एमएल सिंह ने बताया कि नेशनल लेवल के संगठनों की ओर से मुख्य श्रम आयुक्त से नयी दिल्ली में बात की गई। वार्ता बैंक कर्मियों की लंबित मांगों के लिए 27 जनवरी को की गयी, जो विफल रही। इसके बाद नेशनल लेवल स्तर पर 31 जनवरी और एक फरवरी को बैंक कर्मियों की हड़ताल की गई। लगभग 25 लाख बैंक कर्मी हड़ताल पर रहेंगे।

एक अप्रैल से बेमियादी हड़ताल

एमएल सिंह ने बताया कि इस हड़ताल के बाद भी अगर वित्त मंत्रालय की ओर से बैंक कर्मियों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तो 11 मार्च से 13 मार्च तक फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। इस पर भी सरकार नहीं मानी तो राष्ट्रीय संगठनों की ओर से एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की योजना बनायी गयी है। इन्होंने बताया कि बैंक कर्मियों का वेतन समझौता प्रति पांच साल होता है। आखिरी बार साल 2012 में वेतन समझौता किया गया। जो साल 2017 तक मान्य रहा।

वार्ता के बाद वेतन वृद्धि स्वीकृत नहीं

इसके बाद कई बार संगठनों की ओर से मंत्रालय से वार्ता के बाद दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की स्वीकृति दी गयी। जो काफी कम रहा। यह वृद्धि मई 2018 तक की है। इसके बाद जनवरी 2020 में 12.25 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव यूएफबीए को दी गयी। लेकिन इस पर स्वीकृति नहीं बन पायी। हड़ताल के दौरान बैंक मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जायेगा।

क्या हैं प्रमुख मुद्दे

--बैंकों का निजीकरण बंद करे केंद्र सरकार

--बैंकों में कर्मचारियों की कमी है

-- पेंशन अपडेशन

--सरकारी कार्यक्रमों के कारण बढ़ता बोझ

--सभी शाखाओं में समान कार्य अवधि

--पांच दिन कार्य दिवस समेत अन्य मांगें

Posted By: Inextlive