Meerut : जीरो माइल की जद्दोजहद से शायद अब लोगों को निजात मिल जाए. कैंट बोर्ड और मेरठ विकास प्राधिकरण ने मिलकर इसका कायापलट करने की योजना बनाई है. इसके लिए दोनों बॉडीज के अधिकारियों में आम सहमति बन चुकी है. जीरो माइल पर दो फुट ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे. जबकि बेगमपुल से जीरोमाइल के सेंट्रल वर्ज की चौड़ाई कम करके मेन रोड को चौड़ा किया जाना है.

दो फुट ओवर ब्रिज
शहर के लोगों के लिए बड़ी राहत ये है कि बेगमपुल से जीरोमाइल के बीच एक नहीं बल्कि दो-दो फुट ओवर ब्रिज बनेंगे। पूरे मेरठ अभी तक न तो कोई फुट ओवर ब्रिज है और न कोई सब-वे। जबकि सिटी में कई प्वाइंट्स ऐसे हैं जहां लोगों को रोड क्रॉस करने में खासी दिक्कत होती है। लेकिन अब कैंट बोर्ड कैंट बोर्ड और एमडीए ने प्लानिंग की है। इसके लिए दिल्ली की सनरीन डिजाइन्स कंपनी ने गुरुवार को एमडीए ने प्रेजेंटेशन भी दी।

एनसीआर का दूसरा शहर
जीरो माइल पर बनने वाले फुट ओवर ब्रिज की खास बात ये होगी कि इनमें एस्केलेटर्स के साथ लिफ्ट भी होगी। ताकि बुजुर्गों और बच्चों को सीढिय़ां चढऩे में प्रॉब्लम न हो। अगर फुट ओवर ब्रिज में लिफ्ट लगती है तो दिल्ली के बाद मेरठ एनसीआर का ऐसा दूसरा ऐसा शहर होगा।

होगा सौंदर्यीकरण
बेगमपुल से जीरो माइल का सौंदर्यीकरण की बातें एक बार फिर से तेज हो गई हैं। जिसके तहत सडक़ के दोनों ओर पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही कलर्ड लाइटिंग भी की जाएगी। इस काम में मेरठ विकास प्राधिकरण और मेरठ कैंट बोर्ड एक दूसरे का सहयोग कर रही हैं।

सडक़ होगी चौड़ी
जीरो माइल से बेगमपुल तक की सडक़ को चौड़ी करने की भी योजना है। इसके लिए 500 मीटर के सेंट्रल वर्ज की चौड़ाई कम की जाएगी। अधिकारियों की माने तो सेंट्रल वर्ज की चौड़ाई कम होने से दोनों ओर की सडक़ों की चौड़ाई 10-10 फुट बढ़ जाएगी। जिससे दोनों ओर की चौड़ाई 50 फीट से ऊपर हो जाएगी।

रिक्शा स्टैंड से लेकर दुकानें
बेगमपुल से लेकर जीरो माइल की सडक़ पर रिक्शा स्टैंड और दुकानें बनाने की भी योजना है। अधिकारियों की मानें तो बेगमपुल शहर  के बड़े ट्रैफिक जंक्शन में से एक है। जहां रिक्शा, ऑटो और बस सब अवेलेबल हैं। वहां रिक्शा और ऑटो स्टैंड होने से ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल जाएगा। वहीं आने वाले समय में मेट्रो परियोजना को देखते हुए भी विकास किया जा रहा है। क्योंकि यहां मेट्रो का स्टेशन प्रस्तावित है। जबकि छावनी परिषद करीब दो दर्जन दुकानें खोलने का मन बना रहा है। ताकि आय में इजाफा हो। इस योजना में तकरीबन चार से पांच करोड़ का बजट प्रस्तावित है, जो बढ़ भी सकता है।

इस पूरी योजना पर छावनी परिषद और एमडीए मिलकर काम कर रहा है। छावनी परिषद अपनी ओर से पूरी तरह तैयार है। कंपनी ने अपना पूरा प्रेजेंटेशन एमडीए को दिखा दिया है।
-अनुज सिंह, सीईई, मेरठ छावनी परिषद

Posted By: Inextlive