- 12 दिसंबर 2009 में मलिहाबाद में हुआ था ट्रिपल मर्डर केस

- बहनोई ने की थी सास व साले के दो बच्चों की हत्या

LUCKNOW : मलिहाबाद में दस साल पहले हुए ट्रिपल मर्डर केस में कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। उसने एक बुजुर्ग महिला समेत दो मासूम की निर्मम हत्या कर दी थी। हत्यारा मृतक का दामाद था और पत्नी की दूसरी शादी कराने से नाराज होकर जघन्य घटना को अंजाम दिया। डीजीसी क्रिमिनल अशोक कुमार त्रिपाठी की अगुवाई में केस की सुनवाई चल रही थी। शुक्रवार को कोर्ट ने दोषी को मृत्यु दंड के साथ पच्चीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

पत्नी की दूसरी शादी कराने से नाराज था

12 दिसंबर 2009 को ट्रिपल मर्डर की एफआईआर राकेश कुमार ने मलिहाबाद थाने में दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक रात करीब दो बजे वह उसकी मां सुरसती देवी, भतीजा सूरज व भतीजी शिवांकी घर के अंदर लेटे हुए थे। तभी उसका बहनोई बुद्धा अपने साथियों के साथ घर में घुस आया। उसने धारदार हथियार से वार करके उसकी मां तथा भतीजे व भतीजी की हत्या कर दी और उसे घायल करके भाग गया। राकेश के मुताबिक 10 साल पहले उसकी बहन देशपति की शादी बुद्धा से हुई थी, लेकिन दंपति की आपस में नहीं पटती थी। इसलिए उन्होंने अपनी बहन की शादी बाराबंकी निवासी पंचाराम से करा दी थी। इससे बुद्धा काफी नाराज था।

पत्नी की हत्या करने आया था ससुराल

12 दिसंबर 2009 को घटना से एक दिन पहले उसकी बहन उन लोगों से मिलने घर आई थी और मिलकर चली गई थी। बुद्धा ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बताया था कि वह अपनी पत्नी देशपति व उसके दूसरे पति को मारने घर में घुसा था, लेकिन ये दोनों नहीं मिले थे। इस पर वह अन्य लोगों को मौत के घाट उतार कर फरार हो गया था।

तीन साल में फांसी की तीसरी सजा

17 जनवरी 2020 को राजधानी की एक अदालत ने छह साल की मासूम बच्ची से रेप के बाद उसकी निर्मम हत्या करने वाले को फांसी की सजा सुनाई थी। इससे पहले 29 अगस्त 2017 को पत्नी व अपने तीन मासूम बच्चों के कातिल पिता को भी अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। अब शुक्रवार को कोर्ट ने सास व सालों के दो बच्चों की हत्या करने वाले बुद्धा को फांसी की सजा सुनाई है।

Posted By: Inextlive