पाकिस्तान में दो टीवी पत्रकारों को पैरा मिलिट्री फोर्स ने तीन दिनों तक प्रताड़ित किया। दक्षिण पश्चिम बलोचिस्तान प्रांत स्थित एक बदहाल क्वाॅरंटीन सेंटर की सचाई दिखाने से अर्ध सैनिक बल उनकी रिपोर्टिंग से नाराज थे। रिपोर्टर्स विदाउट बाॅर्डर आरडब्ल्यूएफ/आरएसएफ ने इस घटना की निंदा करते हुए इसकी रिपोर्ट की है और तुरंत न्याय की मांग की है।


बलोचिस्तान (एएनआई)। आरएफएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जून को उर्दू भाषा के शमा न्यूज टीवी के रिपोर्टर सईद अली अचाकजाई और पश्तून भाषा के खैबर न्यूज टीवी के रिपोर्टर अब्दुल मतीन अचाकजाई को फ्रंटियर कोर कमांड सेंटर बुलाया गया। यह सेंटर अफगान सीमा के पास चमन शहर में है। तीन दिन बाद वे मिले। उनके शरीर पर प्रताड़ना के बेइंतहां निशान थे। अब्दुल मतीन ने कहा कि उनके आंखों पर पट्टी बांध कर उन्हें एंटी टेररिज्म फोर्स के हवाले कर दिया गया। एटीएफ उन्हें बदनाम मच्छ जेल में प्रताड़ित किया।प्रोटेस्ट कवरेज से अधिकारी थे नाराज
उन्होंने कहा कि उन्हें वाट्सएप मैसेज भेज कर गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उपायुक्त और अर्धसैनिक बल के कमांडर उनकी कवरेज से खुश नहीं थे। इन लोगों ने क्वाॅरंटीन सेंटर की बदहाली की दास्तां बयान करते एक पब्लिक प्रोटेस्ट की कवरेज की थी, जिससे अधिकारी नाराज थे। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएफ के प्रशांत एशिया डेस्क के डेनियल बास्टर्ड ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है।जूडिशियल इंक्वायरी की सीएम से मांग


डेनियल ने कहा कि सिक्योरिटी फोर्सेज की यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ये क्या तरीका है कि वे इस बात से नाराज होकर किसी रिपोर्टर को प्रताड़ित करें कि उसकी रिपोर्ट से वे खुश नहीं थे। उन्होंने बलोचिस्तान के मुख्यमंत्री जाम कमाल खान को काॅल करके जूडिशियल इंक्वायरी की मांग की है। पाकिस्तान में रूल ऑफ लाॅ के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यह घटना प्रेस की स्वतंत्रता का हनन है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh