lucknow@inext.co.inLUCKNOW :राजधानी के ज्यादातर एटीएम कैश की कमी से जूझ रहे हैं. जिन एकाध एटीएम में रुपये निकल भी रहे तो वहां बड़े नोटों का अभाव है. दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने बैंकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों से इसकी वजह जाननी चाही तो हैरान कर देने वाली हकीकत सामने आई. पता चला कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी किये गए 2000 के नोट बैंकों में वापस लौट ही नहीं रहे. उधर नोटों की डंपिंग की आशंका में रिजर्व बैंक ने भी 2000 के नोटों की छपाई पर रोक लगा दी और छोटे नोटों के छापने पर जोर दिया. जमा में कमी और रिजर्व बैंक से सप्लाई न होने की वजह से एटीएम मशीनों में कैश का संकट गहरा गया है. वहीं एटीएम के बुरे हालात पर बैंकों के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

- बैंकों की शाखाओं में बड़े नोट की जमा में आई भारी कमी

- राजधानी के अधिकांश एटीएम में कैश का संकट, बयान देने से कतरा रहे अधिकारी

- आरबीआई से पर्याप्त नोट न मिलने की वजह से एटीएम की रीफिलिंग का काम सुस्त

 

जारी किया 50 प्रतिशत, लौट रहे पांच गुना कम
एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नोटबंदी के बाद जो करंसी जारी की गई उसमें 50 प्रतिशत करंसी 2000 रुपये के नोट के रूप में थी। यानि कि सर्कुलेशन में जो नोट चल रहे उसमें आधी रकम 2000 रुपये के नोटों की शक्ल में हैं। लेकिन, अब यह नोट बैंक की शाखाओं में सीमित संख्या में ही वापस जमा हो रहे हैं। फिलहाल बैंकों में 500 रुपये या उससे कम के ही नोट वापस जमा हो रहे हैं। मार्च 2018 में बैंकों की करंसी चेस्ट की बैलेंस शीट की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों में जमा हो रहे नोटों में 2000 के नोटों की संख्या महज 10 प्रतिशत ही है।

समय के साथ घटता जा रहा आंकड़ा
2000 के नोटों को कालाधन के रूप में दबा लेने की आशंका को बैंक के आंकड़े बल देते दिखाई पड़ रहे हैं। दरअसल, वर्ष 2017 की जुलाई तक बैंकों में कैश की आवक में 2000 रुपये के नोटों की संख्या करीब 35 प्रतिशत रहती थी। लेकिन, नवंबर महीने में यह आंकड़ा घटकर करीब 25 प्रतिशत पर पहुंच गया। वर्तमान में राजधानी के बैंकों में 2000 के नोटों की आवक पर गौर करें तो यह आंकड़े चौकाने वाले हैं। मार्च 2018 में बैंकों में आने वाले 2000 के नोटों की संख्या 15 से 18 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। बैंक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के दूसरे हिस्सों में 2000 के नोट के जमा होने का आंकड़ा तो और भी कम है।

सिर्फ छोटे नोट हो रहे रीफिल
2000 रुपये के नोट की कमी छोटे नोट ही एटीएम में रीफिल हो पा रहे। जिसकी वजह से एटीएम जल्द खाली हो जाते हैं और भारी संख्या में कंज्यूमर्स को बिना रकम मिले ही वापस लौटना पड़ रहा है।

 

अधिकारियों का हाल
- रिजर्व बैंक के इश्यू डिपार्टमेंट के डिप्टी जनरल मैनेजर पंकज कुमार को कॉल किया गया तो कॉल रिसीव करने वाले ने बताया कि वे सीट पर नहीं हैं।

- एजीएम (एटीएम) एसबीआई केसी अग्रवाल को कॉल करने पर महिला ने कॉल रिसीव की और बताया साहब मीटिंग में हैं। फ्री होने के बारे में अनभिज्ञता जताई।

- डिप्टी मैनेजर (एटीएम) एसबीआई राजकुमार ने कॉल रिसीव की लेकिन बताया कि उनकी जिम्मेदारी सिर्फ मेन ब्रांच के एटीएम की है और वहां कैश उपलब्ध है।

आरबीआई से 2000 रुपये के नोट की सप्लाई बंद है, वहीं बैंक में इन नोटों की आवक बेहद कम हो चुकी है। यही वजह है कि एटीएम में कैश संकट हो गया है।

केके सिंह, महामंत्री, एसबीआई स्टाफ एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश

आरबीआई से नोट की सप्लाई में भारी कमी की वजह से यह किल्लत पैदा हुई है। फिलहाल सिर्फ छोटे नोट ही एटीएम में रीफिल किये जा रहे हैं। जिस वजह से एटीएम जल्द खाली हो जाते हैं।

वीके सेंगर, महामंत्री, बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन (उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड)

Posted By: Inextlive