Bareilly: सिटी में वैसे तो दो दिन से गाडिय़ों पर लाल-नीली बत्ती और हूटर लगाकर रौब झाडऩे वालों के खिलाफ पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है. लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि शहर में वीआईपी बनना कितना आसान है. असल में महज चंद सिक्कों के बदले बाजार से आप वीआईपी का ओहदा आसानी से परचेज कर सकते हैं.


Its VIP businessमार्केट में लाल-नीली बत्ती, हूटर के साथ रौब वाले रेडीमेड सामान आसानी से उपलब्ध हैं। ये सामान कार एसेसरीज की शॉप पर मौजूद हैं। ऐसी शॉप्स हिंद टॉकीज के पीछे जवाहर मार्केट और रोडवेज के पास हैं। कोई भी यहां से बत्ती खरीद सकता है। शॉपकीपर्स को भी इससे कोई फर्क नहीं कि बत्ती खरीदने वाला कौन है और क्या करता है। डिमांड में लाल-नीली बत्तीएक शॉप ओनर ने बताया कि बरेली में लाल-नीली बत्ती की डिमांड ज्यादा है। ब्रांडेड बत्ती की कीमत 1500-1600 रुपए है, इन पर ग्रांड दर्ज होता है। इन्हें बड़े नेता और अधिकारी ज्यादातर यूज करते हैं। लोकल ब्रांड की बत्ती का खर्च तीन से चार सौ रुपए ही आता है।हूटर लगाइए, हंगामा मचाइए


कई लोग तेज आवाज में बजने वाला हूटर गाड़ी पर लगवा लेते हैं। शॉपकीपर्स की मानें तो ओरिजनल हूटर 3500-4000 रुपए में आता है लेकिन सस्ते हूटर सिर्फ 350-400 रुपए में मिल जाते हैं। हूटर एंप्लीफायर व सायरन के होते हैं। कई में दोनों ही होते हैं। इनकी आवाज एंबुलेंस व पुलिस की गाडिय़ों की तरह होती है। कुछ लोग बत्ती व हूटर न लगाकर सिर्फ वीआईपी, पद व अन्य का स्टिकर गाड़ी पर लगाते हैं। कोई चैयरमेन तो कोई उपाध्यक्ष और कोई कुछ और पद गाड़ी पर लिखवा लेता है।सख्त action का ruleलाल-नीली बत्ती व हूटर का दुरुपयोग करने पर पुलिस एमवी एक्ट व सीएवीआर (सेंट्रल मोटर व्हीकल रेग्युलेशन) के सेक्शन 170 व 108 के तहत कार्रवाई कर सकती है। बत्ती व हूटर उतरवाकर वाहन का चालान किया जा सकता है। इसके लिए पुलिस 100 रुपए से 300 रुपए तक जुर्माना वसूल सकती है। इन्हें भी परमीशन इसके अलावा, औद्योगिक विकास आयुक्त, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव, गृह विभाग, कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी व एसपी जो जिलों के प्रभारी हों, जिलों में तैनात सीएमओ, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एरिया मजिस्ट्रेट, कार्यकारी मजिस्ट्रेट, जिलों में तैनात प्रभारी निरीक्षक, एसएचओ, सीओ, एएसपी, प्रवर्तन संबंधी ड्यूटी पर तैनात परिवहन, आबकारी, व्यापार कर विभाग के अधिकारी, तथा वन विभाग के संबंधित प्रवर्तन अधिकारी, चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, चीफ ज्यूडिशियरी मजिस्ट्रेट, राज्य में कहीं भी ड्यूटी के दौरान जा रहे हैं तो नीली बत्ती फ्लैशर वाली लगा सकते हैं। हूटर का प्रयोग

एंबुलेंस, अग्निशमन यान, पेट्रोलिंग व्हीकल, स्कॉर्ट वाहन, शांति व्यवस्था से संबंधित यानों पर लाल-नीली व सफेद बत्ती और हूटर यूज करने की अनुमति है। इसके अलावा प्रदेश के राज्यपाल व सीएम के साथ स्कॉर्ट में तैनात पुलिसकर्मियों के वाहनों में, कार्यकारी पुलिस बल में तैनात पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने संबंधित कार्य क्षेत्र के अंदर इमरजेंसी में लगे वाहनों में, कार्यकारी मजिस्ट्रेट अपनी अधिकारिता के अंतर्गत आपातकालीन स्थिति में लगे वाहनों में, प्रवर्तन संबंधी ड्यूटी के दौरान इंमरजेंसी में अपने एरिया के अंतर्गत परिवहन विभाग, व्यापार कर विभाग, आबकारी विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों के वाहनों में हूटर लगाने की अनुमति होगी। ये लगा सकते हैं लाल बत्तीगवर्नर, सीएम, एक्स सीएम, विधानपरिषद  सभापति, विधानसभा स्पीकर, हाईकोर्ट चीफ जस्टिस, लोकायुक्त, स्टेट गर्वनमेंट में कैबिनेट मिनिस्टर, लीडर ऑफ अपोजीशन, हाईकोर्ट के जस्टिस व यूपी के एडवोकेट जनरल को 'एÓ कैटेगरी में रखा गया है। ये सभी फ्लैशर वाली लाल बत्ती लगाने के हकदार हैं। विधानपरिषद के उपसभापति, विधानसभा के उपाध्यक्ष, राज्यमंत्री, उप मंत्री, राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त, उप मंत्री का दर्जा प्राप्त, मंत्रिमंडलीय सचिव, मुख्य सचिव, अध्यक्ष राजस्व परिषद, डीजीपी, राज्य निर्वाचन आयुक्त, अध्यक्ष लोकसेवा आयोग को बी कैटेगरी में रखा गया है। इन सबको लाल बत्ती विदाउट फ्लैशर लगाने की परमीशन है।

Posted By: Inextlive