महाराष्ट्र विधानसभा में आज यानी कि शनिवार को उद्धव ठाकरे सरकार ने अपना बहुमत साबित कर दिया है। सरकार को 169 विधायकों का समर्थन मिला है। वहीं मतदान के दौरान भाजपा के 105 विधायक अनुपस्थित रहे।


मुंबई (पीटीआई)। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार महाराष्ट्र विधानसभा में शनिवार को हुए फ्लोर टेस्ट में पास हो गई है। प्रो टेम स्पीकर& दिलीप वालसे पाटिल ने सदन को सूचित किया कि उद्धव ठाकरे सरकार के पक्ष में 169 वोट पड़े। वहीं चार विधायकों ने मतदान नहीं किया। किसी ने भी सरकार के खिलाफ मतदान नहीं किया क्योंकि भाजपा के सभी 105 विधायक 288 सदस्यीय सदन से फ्लोर टेस्ट का बहिष्कार कर मतदान के दौरान बाहर चले गए। बता दें कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में, भाजपा 105 सीटों पर जीत हासिल कर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। वहीं, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने 56, 54 और 44 सीटें जीतीं।बिना वंदे मातरम के शुरू हुआ सत्र
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को विधानसभा सत्र पर सवाल उठाए और कहा कि यह नियमों का उल्लंघन है। फ्लोर टेस्ट से पहले विपक्षी विधायकों ने विरोध में महाराष्ट्र विधानसभा का वॉकआउट भी किया। विधानसभा से बाहर निकलने के बाद फडणवीस ने कहा, 'यह सत्र असंवैधानिक और अवैध है। प्रो-टेम स्पीकर की नियुक्ति भी असंवैधानिक थी। इससे पहले, आज का विधानसभा सत्र शुरू होते ही, भाजपा सदस्यों ने सदन में 'जय श्री राम' और 'हर हर महादेव' के नारे लगाए। दिलीप वलसे पाटिल ने सदन में व्यवस्था बनाए रखने के लिए सदस्यों से आग्रह किया और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बोलने की अनुमति दी।सदन के पटल पर बोलते हुए फडणवीस ने विधानसभा के चल रहे सत्र को नियमों के विरुद्ध करार दिया। उन्होंने कहा, 'असेंबली वंदे मातरम से शुरू होती है और राष्ट्रगान के साथ समाप्त होती है। यह सत्र वंदे मातरम के बिना शुरू हुआ, यही कारण है कि यह नियमों का उल्लंघन है।'भाजपा ने भी उतारा महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर पद के लिए अपना कैंडिडेटदेर से सत्र के बारे में किया गया सूचितउन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सत्र के बारे में देर से सूचित किया गया था। फडणवीस ने कहा, 'कल देर रात हमें सूचना दी गई। ऐसा क्यों किया गया? क्या ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि हमारे विधायक को विधानसभा नहीं पहुंचना चाहिए था? ' फडणवीस को जवाब देते हुए, पाटिल ने कहा कि यह सत्र राज्यपाल की अनुमति के अनुसार चल रहा है, इसलिए नियम के खिलाफ नहीं है।

Posted By: Mukul Kumar