Research के बीच में transfer की UGC ने दी सहूलियत

दोनों universities को आपस में करना होगा coordination

Website पर online करना होगा पंजीकृत अभ्यर्थी का पूरा ब्यौरा

ALLAHABAD: देशभर के विश्वविद्यालयों में रिसर्च कर रही महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। यूजीसी ने महिलाओं संबंधी रिसर्च के रूल्स को लचीला बना दिया है। जिससे महिलाएं रिसर्च के दौरान बीच में किसी दूसरे विश्वविद्यालय जाकर शोध कार्य कर सकेंगी। इसके अलावा यूजीसी ने शोध में दाखिले और पढ़ाई को लेकर निर्धारित किए गए हालिया नियमों में कई महत्वपूर्ण सुझाव हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस को दिए हैं, जिससे रिसर्च वर्क को गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सके।

PHD व M Phil दोनों को लाभ

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को जारी किए गए आदेश में कहा है कि पीएचडी या एमफिल में एनरोल्ड महिलाएं रिसर्च वर्क के बीच में किसी दूसरे विश्वविद्यालय में अपने सुविधा के अनुसार ट्रांसफर ले सकेंगी। इसके लिए उन्हें अन्यत्र विश्वविद्यालय में नए सुपरवाइजर से परमीशन लेनी होगी। महिलाओं को यह सुविधा विवाह की स्थिति में या किसी अन्य वाजिब कारणों के चलते मिलेगी। जिससे उन्हें रिसर्च वर्क को पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो। हालांकि, इससे पहले उन्हें वर्तमान में जहां से वह शोध कार्य कर रही हैं, वहां से भी अधिकृत रुप से स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा।

फर्जीवाड़े से बच सकेंगे

यूजीसी ने शोध कार्य संबंधि दिशा-निर्देशों में यह भी कहा है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे रिसर्च में दाखिले संबंधित समस्त विवरण को ऑनलाइन अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करें, जिससे फर्जीवाड़े की कोई संभावना न हो। इसमें उन्हें पंजीकृत अभ्यर्थी का नाम, उसके शोध का विषय, पर्यवेक्षक एवं सह पर्यवेक्षक का नाम, नामांकन या पंजीकरण की तिथि आदि का ब्यौरा देना होगा। हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस से इन आंकड़ों को वार्षिक आधार पर संरक्षित किए जाने के लिए कहा गया है। यह भी कहा गया है कि कोई भी विवि डायरेक्ट एडमिशन नहीं लेगा।

पहले नवीन ज्ञान पर होगा जोर

इसके लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करना अनिवार्य होगा। प्रवेश परीक्षा प्रारुप में 50 फीसदी सवाल शोध पद्धति एवं 50 फीसदी सवाल विशिष्ट विषय से पूछे जाएंगे। इसकी जानकारी परीक्षा से पूर्व विद्यार्थियों को समय रहते देना अनिवार्य होगा। वहीं प्रवेश परीक्षा के बाद होने वाले साक्षात्कार में कुछ बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। जिसमें देखा जाएगा कि क्या अभ्यर्थी में प्रस्तावित शोध के लिए क्षमता है? प्रस्तावित शोध कार्य सुलभता पूर्वक संस्थान में संचालित किया जा सकता है। प्रस्तावित शोध कार्य में नवीन ज्ञान में योगदान की संभावना है या नहीं।

परीक्षा से पहले सीटों का निर्धारण

यह भी स्पष्ट रुप से कहा गया है कि कोई भी विश्वविद्यालय पूर्व निर्धारित या संतुलित संख्या के आधार पर प्रवेश के लिए सीटों की संख्या का निर्धारण करे। यह संख्या शोध पर्यवेक्षकों तथा अन्य शैक्षणिक व उपलब्ध वास्तविक सुविधाओं पर निर्भर करेगी। इसमें एक एकेडमिक सेशन में आचार्य के अंडर में अधिकतम आठ, सह आचार्य के अंडर में छह और सहायक आचार्य के अंडर में अधिकतम चार पीएचडी शोधार्थी एलाट किए जा सकेंगे। किसी एमफिल एवं पीएचडी शोधार्थी को पाठ्यक्रम संबंधि कार्य में न्यूनतम 55 फीसदी अंक या यूजीसी द्वारा निर्धारित ग्रेड हासिल करना होगा। जिससे वे अपना शोध प्रबंध या थीसिस जमा करने के लिए अर्ह हो सकें।

Posted By: Inextlive