रांची : विश्वविद्यालय के स्थापना के एक वर्ष आठ माह हुए हैं। इतने समय में विवि ने रिसर्च के माध्यम से समाज को क्या दिया। विभागों में रिसर्च की क्या स्थिति है। ये सवाल मंगलवार को डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि का निरीक्षण करने पहुंची यूजीसी की टीम ने विवि के अधिकारियों से की। विवि के रजिस्ट्रार डॉ। एनडी गोस्वामी ने कहा कि वर्तमान में विवि में तीन बड़े सहित 33 माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसका फायदा समाज को मिलेगा। इतिहास, भूगोल, एंथ्रोपलॉजी विभागों के स्टूडेंट्स फील्ड विजिट पर जाते रहे हैं। अन्य विभागों के स्टूडेंट्स भी शैक्षणिक भ्रमण पर जाऐंगे। यूजीसी की टीम का फोकस रिसर्च, फैकल्टी, एग्जामिनेशन प्रक्रिया पर था। निरीक्षण से पहले टीम के चेयरमैन गुरु राम राय विवि देहरादून के प्रो। पीपी ध्यानी, सदस्य हरियाणा से प्रो। बीबी गोयल, बीएचयू से प्रो। सदानंद शाही, कानपुर से डॉ। मृदुला भदौरिया व को-आर्डिनेटिंग आफिसर यूजीसी के डिप्टी सेक्रेट्री सतीश कुमार ने विवि के अधिकारियों से शैक्षणिक व इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर जानकारी ली।

पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन

को-आर्डिनेटर डॉ। अभय कृष्ण सिंह ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन से सारी गतिविधियों को विस्तार से बताया। गौरतलब है कि निरीक्षण 12 बी का दर्जा देने के लिए हो रहा है। विवि से वीसी प्रो। एसएन मुंडा, रजिस्ट्रार डॉ। एनडी गोस्वामी, डीएसडब्ल्यू डॉ। नमिता सिंह, प्रोक्टर डॉ। दिनेश तिर्की, राजेश कुमार सिंह, डॉ। अशोक नाग सहित अन्य थे।

आपको प्रोफेसर होना चाहिए

यूजीसी टीम की सदस्य डॉ। मृदुला भदौरिया ने सोशल साइंस के सभी डिपार्टमेंट्स का निरीक्षण किया। इतिहास विभाग में एचओडी डा। अनिल कुमार से पूछा कि ग्रेड पे क्या है? डीन एकेडमिक हैं या नहीं तो जवाब मिला नहीं। एसोसिएट प्रोफेसर से बातचीत के क्रम में कहा कि अब तक तो आपको प्रोफेसर होना चाहिए। इस पर शिक्षकों ने कहा कि प्रमोशन का मामला जेपीएससी में लटका रहता है। एंथ्रोपलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ। एसएम अब्बास से पूछा कितने रिसर्च स्कॉलर हैं? जवाब मिला तीन।

पब्लिकेशन की लिस्ट बनाकर रखें

टीम जिस भी विभाग में गई वहां रिसर्च स्कॉलरों की संख्या, फैकल्टी व पब्लिकेशन के बारे में जरूर पूछा। पब्लिकेशन पर किसी भी विभाग में संतोषजनक जवाब नहीं मिला। किसी भी विभाग ने पब्लिकेशन की संख्या बनाकर नहीं रखा था। इसके अलावा स्टूडेंटस की संख्या की भी जानकारी ली। टीम ने कहा पब्लिकेशन की लिस्ट बनाकर रखें।

काम अच्छा हो रहा है, फाइलिंग कीजिए

भूगोल विभाग में फैकल्टी के बारे में पूछा तो विभागाध्यक्ष डॉ। सर्वोत्तम कुमार ने चार स्थायी व चार गेस्ट फैकल्टी की बात कही। इस पर टीम ने कहा कि गेस्ट तो घर में एक-दो दिनों के लिए आते हैं। पूछा गेस्ट फैकल्टी को कितने पैसे मिलते हैं तो जवाब मिला 600 रुपये प्रति कक्षा। रिसर्च की स्थिति जानकर प्रसन्नता जाहिर की। कहा, काम अच्छा हो रहा है फाइलिंग कीजिए। कहा, सिलेबस को नेट, जेआरएफ के अनुसार फ्रेम कीजिए। टीम ने एचओडी से पूछा कि झारखंड में माइग्रेशन की स्थिति क्या है और इसका कारण क्या है? जवाब मिला गरीबी के कारण माइग्रेशन होता है। साइकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ। अजय कुमार से पूछा कि नेट कितने पास किए हैं तो जवाब मिला एक भी नहीं। कहा, रिसर्च स्कॉलर दो हैं।

सवाल और जवाब

मूल्यांकन की क्या है प्रक्रिया?

उत्तरपुस्तिकाओं को कितने समय बाद हटा देते हैं।

परीक्षा नियंत्रक डॉ। पीके प्रधान बोले-तीन वर्षो के बाद।

मूल्यांकन कैसे करते हैं?

ऑनर्स की कॉपी की कोडिंग कर बाहर भेजते हैं जबकि सब्सिडियरी का मूल्यांकन विवि स्तर पर ही होता है। रिजल्ट 40 दिनों के भीतर जारी कर दिया जाता है।

किताब इश्यु होता है या नहीं?

लाइब्रेरियन संतोष कुमार से कहा, नहीं। बताया लाइब्रेरी में 95018 पुस्तकें हैं।

पतरातू भी गई टीम

यूजीसी की टीम भ्रमण पर पतरातू घाटी भी गई। वहां से लौटने के बाद शिक्षकों व कर्मचारियों के साथ बातचीत किया। इससे पहले नए एकेडमिक बिल्डिंग, कैंटीन, गेस्ट हाउस, लाइब्रेरी, एग्जामिनेशन बिल्डिंग भी गए। शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ।

Posted By: Inextlive