-लखनऊ मेट्रो को यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक ने दिया है 3502 करोड़ का लोन

-27 को यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक की टीम करेगी केडीए, राइट्स और एलएमआरसी अफसरों संग मीटिंग

- 28 को यूआईबी टीम के कानपुर आने की संभावना

KANPUR: कानपुर में मेट्रो दौड़ाने में फाइनेंशियल हेल्प के लिए अब यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक आगे आई है। लखनऊ मेट्रो के लिए 3502 करोड़ (450 मिलियन यूरो) का लोन देने वाली यूआईबी बैंक की टीम 26 अप्रैल को लखनऊ आ रही है। 27 अप्रैल को टीम कानपुर में मेट्रो दौड़ाने की जिम्मेदारी संभाल रही एलएमआरसी, केडीए और राइट्स अफसरों के साथ मीटिंग करेगी। इससे केडीए अफसर खासे उत्साहित हैं। जापानी कम्पनी जाइका भी लोन के लिए कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट रिपोर्ट साथ ले जा चुकी है।

17092 करोड़ खर्च होंगे

सेंट्रल गवर्नमेंट की कम्पनी राइट्स लिमिटेड ने कानपुर मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है। डीपीआर के मुताबिक आईआईटी से नौबस्ता और सीएसए यूनिवर्सिटी से बर्रा-8 तक के दोनों फेज फाइनेंशियल ईयर 2021-22 तक कम्प्लीट होंगे। 2015 में इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट 13721 करोड़ बताई है। डीपीआर में 2015 से 2022 तक के प्राइज लेवल, इंट्रेस्ट, इनफ्लेशन, कंस्ट्रक्शन रेट आदि को शामिल किया गया है। इसी बेस पर 2021-22 में प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़कर 17092 करोड़ हो जाने का अनुमान लगाया गया है। अगर और देर हुई तो प्रोजेक्ट कॉस्ट और भी बढ़ जाएगी।

सेंट्रल, स्टेट की बराबर की हिस्सेदारी

आईआईटी से नौबस्ता और सीएसए यूनिवर्सिटी से बर्रा-8 तक मेट्रो दौड़ेगी। 32 किलोमीटर से अधिक लंबे इन दोनों कॉरीडोर्स में 31 स्टेशन प्रपोज्ड हैं। इनमें 19 एलिवेटेड एवं 12 अंडरग्राउंड हैं। इस प्रोजेक्ट में आने वाले खर्च में सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट की बराबर हिस्सेदारी डीपीआर में रखी गई। डीपीआर के मुताबिक मेट्रो प्रोजेक्ट में 2322 करोड़ की इक्विटी सेंट्रल गवर्नमेंट की होगी और इतनी ही स्टेट गवर्नमेंट की हिस्सेदारी रहेगी। इसके अलावा 350 करोड़ रुपए लोकल बॉडीज को भी लगाने होंगे। जिसमें नगर निगम, केडीए और आवास विकास पि1रषद आदि डिपार्टमेंट शामिल हैं।

9405 करोड़ के सॉफ्ट लोन की जरुरत

सेंट्रल, स्टेट व लोकल बॉडीज की हिस्सेदारी के बावजूद मेट्रो प्रोजेक्ट में 9405 करोड़ की जरुरत होगी। यह धनराशि जुटाने के लिए शासन ने जाइका, यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक, व‌र्ल्ड बैंक सहित अन्य फंडिंग एजेंसी से सॉफ्ट लोन लेने की तैयारी की गई है। इसी कड़ी में मार्च में जापानी कम्पनी जाइका की 9 सदस्यीय टीम भी कानपुर आ चुकी है। मेट्रो रूट, स्टेशन का निरीक्षण करने के लिए राइट्स, लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अफसरों के साथ मीटिंग कर चुकी है। केडीए वीसी जयश्री भोज ने जापानी कम्पनी के द्वारा कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट पर सैद्धान्तिक सहमति मिलने के दावे किए थे। वहीं दूसरी ओर कम्पनी ने सॉफ्ट लोन के बारे में अभी तक पत्ते नहीं खोले। वह मेट्रो प्रोजेक्ट की कॉस्टिंग अपने कांट्रैक्टर व कंसलटेंट से कराने के लिए डीपीआर जरूर ले गए है।

यूआईबी के आगे आने से बढ़ा उत्साह

जाइका के बाद कानपुर मेट्रो को लेकर यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक ने भी इंट्रेस्ट दिखाया है। इससे लखनऊ में मेट्रो दौड़ाने की जिम्मेदारी संभाल रहे एलएमआरसी और केडीए अफसरों के चेहरे चमक गए हैं। केडीए अफसरों के मुताबिक यूआईबी लखनऊ मेट्रो को 450 मिलियन यूरो(3502 करोड़) का लोन दे चुकी है। यह टीम 26 को लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट का रिव्यू करेगी। 27 अप्रैल को टीम केडीए, राइट्स और एलएमआरसी अफसरों के साथ कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर मीटिंग करेगी। मीटिंग में केडीए के चीफ टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी के शामिल होने की संभावना है। मीटिंग के अगले दिन यानि 28 अप्रैल को टीम के शहर आने की संभावना है।

फाइनेंसिंग ऑफ मेट्रो प्रोजेक्ट1

पार्टिकुलर्स- अमाउंट

सेंट्रल गवर्नमेंट- 2322 करोड़

यूपी गवर्नमेंट- 2322 करोड़

सेंट्रल टैक्स (सेंट्रल गवर्नमेंट)-929 करोड़

सेंट्रल टैक्स (स्टेट गवर्नमेंट )-929 करोड़

लैंड(स्टेट गवर्नमेंट)- 834 करोड़

लोकल बॉडीज- 350 करोड़

सॉफ्ट लोन - 9405 करोड़

टोटल कॉस्ट- 17092 करोड़

Posted By: Inextlive