यूआर्इडीएआर्इ का दावा है कि आधार डाटाबेस में घोस्ट एंट्री संभव नहीं है। बिना यूजर की जानकारी के आधार डाटाबेस में कोर्इ भी व्यक्ति चाहे आॅपरेटर ही क्यों न हो संबंधित आंकड़ों को अपडेट नहीं कर सकता। यूआर्इडीएआर्इ ने आधार साॅफ्टवेयर हैक करके फर्जी आधार तैयार करने की बात को सिरे से खारिज कर दिया।


नई दिल्ली (पीटीआई)। यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथाॅरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने कहा कि कोई भी ऑपरेटर आधार को तब तक अपडेट नहीं कर सकता जब तक यूजर ऐसा करने के लिए अपनी बाॅयोमीट्रिक तरीके से सहमति न दे। यूआईडीएआई ने इसके साथ ही आधार साफ्टवेयर हैक करने संबंधी रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया। अपने आधिकारिक बयान में यूआईडीएआई ने कहा कि आधार के सिस्टम को बाईपास करना असंभव है। यूआईडीएआई ने साफ्टवेयर और डाटाबेस आईडी में सेंधमारी संबंधी रिपोर्ट का खंडन किया। रिपोर्ट में कहा गया था कि आधार इनरोलमेंट साॅफ्टवेयर को कथित तौर पर हैक कर लिया गया था। आधार ने कहा कि कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के लिए जानबूझकर आधार के खिलाफ लोगों के दिमाग में बेवजह भ्रम फैलाने में लगे हैं।डाटाबेस में एंट्र्री की ऐसी है सुरक्षित प्रक्रिया


यूआईडीएआई ने कहा कि आधार पंजीकरण के लिए हर व्यक्ति के 10 उंगलियों और दोनों आंखों की पुतलियों के निशान डाटाबेस में दर्ज हर बाॅयोमीट्रिक से मैच कराए जाते हैं। सभी आधार धारकों के बाॅयोमीट्रिक से मैच कराने के बाद ही नया आधार जारी किया जाता है। अथाॅरिटी का दावा है कि डाटाबेस से बाॅयोमीट्रिक या किसी भी आंकड़े तक पहुंच पूरी तरह असंभव है। नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डाटाबेस को अभेद्य बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। आधार डाटाबेस में बाॅयोमीट्रिक डिटेल इन्क्रीप्टेड रहते ताकि किसी भी तरीके से इन तक अवांछित तत्वों की पहुंच न हो सके। फिजिकल या नेटवर्क सिक्योरिटी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस डाटाबेस की निगरानी और समीक्षा का तंत्र भी मजबूत किया गया है।बिना आपकी जानकारी नहीं होता बदलाव

अथाॅरिटी ने कहा कि जब तक कोई नागरिक न चाहे कोई भी ऑपरेटर उसके बाॅयोमीट्रिक डिटेल में बदलाव नहीं कर सकता। आधार में किसी भी बदलाव के लिए नागरिक को अपनी बाॅयोमीट्रिक पहचान साबित करने की जरूरत पड़ती है। आधार पंजीकरण का तरीका भी काफी फुलप्रूफ है। इस प्रक्रिया में भी नागरिक के बाॅयोमीट्रिक डिटेल को सभी आधार से मैच कराने के बाद नया आधार जारी किया जाता है। यही वजह है कि आधार डाटाबेस में घोस्ट एंट्री या अवांछित डाटा शामिल करना असंभव है। कोई भी ऑपरेटर तय प्रक्रिया के पालने में दोषी पाया जाता है तो अथाॅरिटी उसे ब्लाॅक कर देती है और उस पर एक लाख रुपये का वित्तीय जुर्माना भी ठोका जाता है। अब तक 50 हजार ऑपरेटरों को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। आधार ने लोगों को सलाह दी कि अब लोग बैंक, पोस्ट ऑफिस या सरकारी कार्यालयों में खुले आधार पंजीकरण केंद्र में ही जाकर आधार डाटा में अपडेट या नये आधार के लिए पंजीकरण कराएं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh