इंग्लैंड के अस्पताल में वेंटलेटर की जगह ट्राॅयल हो रहा नया इक्विपमेंट, कोरोना से लड़ने का नया हथियार
लंदन (रॉयटर्स)। कोरोना वायरस के मरीजों की मदद करने के लिए श्वास सहायता का एक नया वर्जन तैयार किया गया है। इस नई डिवाइस को मर्सिडीज फॉर्मूला वन से जुड़ी टीम द्वारा एक सप्ताह में कम विकसित किया गया है। फिलहाल, लंदन के अस्पतालों में इसका परिक्षण किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डिवाइस का नाम 'कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवेज प्रेशर (सीपीएपी) है और इसका इस्तेमाल चीन और इटली में सांस लेने के लिए मरीजों के फेफड़ों में दबाव के तहत हवा और ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए किया गया है। खास बात यह है कि वेंटीलेटर की जगह पर इस नई डिवाइस को तैयार किया गया है, जिसमें हवा व ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ज्यादा प्रेशर की जरुरत होती है।
100 मशीनों का परिक्षणनए सीपीएपी को पहले ही संबंधित नियामक द्वारा मंजूरी मिल गई है और अब 100 मशीनों को अन्य अस्पतालों में रोल आउट करने से पहले, परीक्षण के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन अस्पताल में पहुंचाया जाएगा। इटली की रिपोर्टों से यह पता चला है कि जिन कोरोना मरीजों को सीपीएपी की मदद से ऑक्सीजन दिया गया है, उनमें से लगभग 50 प्रतिशत रोगियों ने इनवेसिव मैकेनिकल वेंटिलेशन की आवश्यकता से परहेज किया है, जिसमें रोगियों को बेहोश करना पड़ता है।
गंभीर स्थिति में किया जाता है वेंटीलेटर का इस्तेमाल
यूसीएलएच के क्रिटिकल केयर एडवाइजर प्रोफेसर मर्विन सिंगर ने सोमवार को एक बयान में कहा, 'ये उपकरण यह सुनिश्चित करके जीवन बचाने में मदद करेंगे कि वेंटिलेटर केवल सबसे गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए उपयोग किया जाता है। हमें उम्मीद है कि वे इंटेंसिव केयर स्टाफ और बिस्तरों की मांग को कम करके ब्रिटेन भर के अस्पतालों में वास्तविक अंतर बनाएंगे और इसके साथ यह अधिक इनवेसिव वेंटिलेशन की आवश्यकता के बिना रोगियों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।' बता दें कि यूसीएलएच में इंजीनियरों और चिकित्सकों द्वारा यह नई डिवाइस विकसित की गई है।