यूक्रेन में मौत के 24 घंटे बाद ही जिंदा हो गया पत्रकार, जानें क्या है माजरा
यूक्रेन ने हत्या की फ़र्जी ख़बर फैलाई थी
कीव (एएफपी)। यूक्रेन से मंगलवार को खबर आई थी कि अरकाडी बाबचेंको नाम के रूसी पत्रकार को अपने अपार्टमेंट की सीढ़ियों पर चढ़ते वक्त गोली मार दी गई। उसकी पत्नी ने बताया कि उसने गोली चलने की आवाज़ सुनी और जब वो बाहर गई तो अपने पति को खून से लथपथ देखा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बीच में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। खैर, वो खबर झूठी निकली, क्योंकि वो पत्रकार 24 घंटे बाद ही जिंदा हो गया। दरअसल, यूक्रेन ने जान-बूझकर एक योजना के तहत मंगलवार को उनकी हत्या की नकली ख़बर फैलाई थी।
हमलावर को पकड़ने के लिए साजिश
यूक्रेन सुरक्षा सेवा के प्रमुख वसील हृट्सेक ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'ये ह्त्या एक बड़ा स्टिंग ऑपरेशन था जो बाबचेंको की हत्या के उद्देश्य से रूसी सेना के भेजे हमलावर को पकड़ने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा, 'रूसी सेना ने यूक्रेन के एक नागरिक को बाबचेंको की हत्या करने के लिए भेजा था। उन्होंने आगे बताया, ' बाबचंको पर हमला करने वाला उनकी हत्या के लिए कई बड़े लोगों के साथ संपर्क में था और बाबचेंको की हत्या करने के लिए वो उन लोगों से दो करोड़ रुपये से अधिक की मांग कर रहा था।
एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है
यूक्रेन के सुरक्षाबलों तक हमला करने वाले की प्लानिंग के बारे में किसी तरह सूचना मिल गई। इसके बाद उन्होंने हमलावर को पकड़ने के लिए यूक्रेन में बाबचेंको की हत्या की झूठी ख़बर फैला दी। इस मामले में पुलिस का कहना है कि उन्होंने एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है। इसके बाद बाबचेंको ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'मुझे स्टिंग ऑपरेशन के बारे में सबकुछ पता था और मेरे पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था, इसलिए मैंने इसके लिए हां कर दिया।'
यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसियों के संपर्क में थे
हालांकि बाबचेंको की पत्नी को इस स्टिंग ऑपरेशन के बारे में जानकारी थी या नहीं, इसके बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है। बाबचेंको ने प्रेस कॉफ़्रेंस के दौरान अपनी जान बचाने को लेकर यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसियों का शुक्रिया अदा किया और कहा, मुझे करीब एक महीने पहले से रूस के इस निति के बारे में पता था, मुझे पता था कि मेरी हत्या की योजना बनाई जा रही थी।' इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि वो हत्या की योजना का पता चलते ही पिछले कई दिनों से यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसियों के संपर्क में थे।
2017 में रूस से भाग कर यूक्रने आ गए थे
बता दें कि पत्रकार अरकाडी बाबचेंको 2017 में रूस से भाग कर युक्रेन आ गए थे। वो वहां रूसी सरकार के खिलाफ खबरें लिखते रहते थे। वो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक भी रहे हैं और उन्होंने एक साल पहले अपनी जान पर ख़तरा को देखते हुए रूस छोड़ दिया था। बाबचेंको का कहना था कि रूस ने उनको मारने का मन बना लिया था।