- योगी गम्भीरनाथ की पुण्यतिथि शताब्दी वर्ष समारोह का केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने किया उद्घाटन

-कार्यक्रम में जनरल वीके सिंह भी रहे मौजूद

GORAKHPUR: गुरु गोरक्षनाथ पीठ की एक सनातन परंपरा रही है। यहां के धूनी की भस्म से राष्ट्र विरोधी ताकतें स्वयं भस्म हो जाती है। यह सिद्धों की धरती है। यहां आने से हमको एक शक्ति मिलती है। यहां मैं मां गंगा के अविरल और निर्मल करने के लिए शक्ति मांगने आई हूं। यह बातें मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित योगीराज बाबा गंभीरनाथ पुण्यतिथि शताब्दी वर्ष समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस पीठ से मेरा आत्मिक रिश्ता रहा है, महंत अवैद्यनाथ मेरे गुरु पिता थे। उनके साथ रहकर राजनीतिक और आध्यात्मिक जीवन में बहुत की कुछ सीखने को मिला।

देश में दो मोर्चो पर हो रहा युद्ध

कार्यक्रम में मौजूद सांख्यिकी एवं कार्यान्वयन (स्वतंत्र प्रभार) एवं विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि इस समय देश में दो मोर्चो पर लड़ाई लड़ी जा रही है। एक देश के बाहरी सीमाओं पर और दूसरा देश के अंदर धर्म युद्ध चल रहा है। सीमाओं पर सेना के जवान कमान संभाले हुए हैं, जबकि देश के अंदर संत धर्मयुद्ध की कमान संभाले हैं। गोरक्षपीठ सदैव इसी वैचारिक धारा की समर्थक रही है और हमेशा ही राष्ट्र के सांस्कृतिक स्वरूप की रक्षा के लिए कार्य करती रही है। समारोह को संबोधित करते हुए गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योगिराज बाबा गम्भीरनाथ सिद्धपुरुष थे। वे योग मानव थे। गोरखनाथ मंदिर का वर्तमान स्वरूप उसके पीछे नींव के पत्थर के रूप में योगी गम्भीरनाथ का आशीर्वाद व उनकी तपस्या की देन है।

वीके सिंह की आत्मकथा का विमोचन

कार्यक्रम में दो पुस्तकों का विमोचन हुआ और एक नया पुरस्कार देने की घोषणा हुई। जनरल की आत्मकथा 'साहस और संकल्प' और वहीं योगी गंभीरनाथ के जीवनी आदर्श योगी- श्री श्री योगिराज बाबा गम्भीरनाथ' नामक पुस्तक का भी विमोचन हुआ। यह पुस्तक सबसे पहले बांग्ला में अक्षय कुमार बनर्जी ने लिखी थी बाद में योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में रघुनाथ शुक्ल ने हिन्दी में अनुवाद किया। वहीं गोरखनाथ मंदिर और महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज, जंगल धूसड़ के संयुक्त तत्वावधान में 'योगीराज बाबा गम्भीरनाथ नि:शुल्क सिलाई कढ़ाई केन्द्र' पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली कक्षा-7 की छात्रा कुमारी अंकिता निषाद को योगिराज बाबा गम्भीरनाथ स्मृति पुरस्कार स्वरूप सिलाई मशीन प्रदान किया गया।

Posted By: Inextlive