पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर रमीज रजा ने उमर अकमल को जमकर लताड़ा है। अकमल पर तीन साल के लिए बैन लगाया गया है। ऐसे में रमीज कहते हैं इन जैसे खिलाडिय़ों को जेल में डालना चाहिए।

नई दिल्ली (एएनआई)। पाक बल्लेबाज उमर अकमल को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। अकमल को यह सजा पीसीबी की एंटी करप्शन टीम ने दी है। इस खबर के सामने आने के बाद पूर्व क्रिकेटर रमीज रजा काफी गुस्सा हो गए। उन्होंने ऐसे खिलाडिय़ों को कड़ी सजा देने की बात कही। रजा ने पाकिस्तान से मैच फिक्सिंग को आपराधिक बनाने वाले कानून लाने पर विचार करने को कहा अन्यथा अकमल जैसे मामले सामने आते रखेंगे।

रजा ने अकमल को कहा बेवकूफ

रजा ने ट्वीट किया, 'तो उमर अकमल अब आधिकारिक तौर पर बेवकूफों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। 3 साल के लिए बैन लग चुका है। क्या प्रतिभा की बर्बादी है! यह उच्च समय है कि पाकिस्तान मैच फिक्सिंग के खिलाफ एक कानून पारित करने की दिशा में आगे बढ़े। दोषियों को जेल के अंदर डालना चाहिए।' इससे पहले, पीसीबी के चेयरमैन एहसान मनि ने भी कहा था कि उन्होंने पाकिस्तान सरकार से मैच फिक्सिंग के अपराधीकरण कानून में लाने के लिए कहा है।

So Umar Akmal officially makes it to the list of idiots! Banned for 3 years. What a waste of a talent! It&यs high time that Pakistan moved towards passing a legislative law against match fixing. Behind bars is where such jack asses belong! Otherwise brave for more!!

— Ramiz Raja (@iramizraja) April 27, 2020तीन साल के लिए पूरी तरह से बैन

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने सोमवार को उमर अकमल को तीन साल के लिए हर तरह के खेल से प्रतिबंधित कर दिया। अकमल को यह सजा बोर्ड को भ्रष्टाचार के लिए अप्रोच किए जाने पर सूचना नहीं देने के लिए मिली। पीसीबी ने बल्लेबाज के खिलाफ जांच शुरू करने के विशिष्ट कारणों का खुलासा नहीं किया था, लेकिन इस साल फरवरी में दो असंबंधित घटनाओं में बोर्ड के भ्रष्टाचार विरोधी संहिता के अनुच्छेद 2.4.4 के दो उल्लंघनों के लिए उसे आरोपित किया था।

एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई

29 साल के अकमल लाहौर में नेशनल क्रिकेट अकादमी में पैनल के समक्ष पेश हुए, जिसके बाद पीसीबी एंटी करप्शन द्वारा उन्हें 2020 के पाकिस्तान सुपर लीग में स्पॉट-फिक्सिंग के लिए एक कथित प्रस्ताव की सूचना नहीं देने के लिए जारी किए गए कारण बताओ नोटिस दिया गया था जिसे बल्लेबाज ने चुनौती नहीं दी। इसके बाद मामले को अनुशासनात्मक पैनल में स्थानांतरित कर दिया गया था।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari