इस बार टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इतनी सीटें खाली रहने वाली हैं कि सभी पप्पुओं का इंजीनियर बनने का रास्ता साफ हो गया है.


द्ग=द्वष्२ यह आइंस्टीन का वह फार्मूला है जो इंटर में पढऩे वाले ज्यादातर बच्चों को पता होगा क्योंकि इंजीनियरिंग करना है तो इतना तो पता होना ही चाहिए। लेकिन अगर आप इस फार्मूले में ई, एम या फिर सी को भी नहीं पहचानते हैं या फिर आप को डिफरेंसिएशन और डेरीवेटिव्स भी नहीं पता हैं, तो भी आप टेंशन में न आएं क्योंकि अगर आप को फिजिक्स केमेस्ट्री और मैथ्स में 33 परसेंट का धक्का देकर आगे बढ़ा दिया गया है तो भी आप इस बार इंजीनियर बन सकते हैं। इस बार टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इतनी सीटें खाली रहने वाली हैं कि सभी पप्पुओं का इंजीनियर बनने का रास्ता साफ हो गया है।


यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इस बार इंजीनियरिंग की 1 लाख 35 हजार सीटों पर सिर्फ 82 हजार स्टूडेंट्स ही क्वालीफाइ कर पाए हैं। पिछले एक साल से यूनिवर्सिटी पहले से ही स्टूडेंट्स की बेरुखी की मार झेल रही है। इस बार यह संकट और गहरा गया है। एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार खाली सीटों का आंकड़ा एक लाख तक पहुंच सकता है। बस यही बात प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों को खाए जा रही है और उन्होंने इंजीनियरिंग में एडमिशन की सारी अर्हता ताक पर रख दी है। इन कॉलेजेज ने डिसाइड किया है कि अगर किसी स्टूडेंट्स ने एसईई का इग्जाम दिया है और वह क्वालीफाइ भी नहीं हो पाया है तो भी वह किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले सकता है। बस उन कैंडीडेट्स के पास एसईई का एडमिट कार्ड होना चाहिए।यह कैसे इंजीनियरजो कैंडीडेट्स इस बार एसईई का इंट्रेस इग्जाम भी नहीं क्लियर नहीं कर पाए है वह भी इंजीनियर बनेंगे। यानी जो इलिजिबल ही नहीं उनको भी दाखिला देने की तैयारी है। यही नहीं वह कैंडीडेट्स जो प्रॉबेबिलिटी के हिसाब से जीरो माक्र्स लाएंगे वह भी इंजीनियर बन सकेंगे। यह भी जान लीजिए कि कैसे? इस बार एसईई का पेपर ऑप्शनल आया था अगर कोई भी स्टूडेंट्स सिर्फ ए आप्शन पर भी टिक लगाता है तो उसको कम से 25 नम्बर तो मिल ही जाएंगे लेकिन प्रॉबेबिलिटी के हिसाब से वह जीरो होगा लेकिन इस बार ऐसे स्टूडेंट्स का इंजीनियर बनने का सपना पूरा होने वाला है। एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह से यूपी से जो इंजीनियर पढ़ाई के बाद निकलेंगे वह किस तरह के होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का मानना है कि इस बार पिछले साल से ज्यादा सीटें खाली रहने की उम्मीद है। अगर इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटें खाली रह गईं तो प्रदेश भर के सैकड़ों कॉलेज करोड़ों रुपए के घाटे में चले जाएंगे। इसको देखते हुए इस बार कॉलेजेज को सीधे दाखिला लेने की छूट भी मिलने की उम्मीद है क्योंकि इससे पहले भी शासन ने इंजीनियरिंग कॉलेजों को सीधे भर्ती की इजाजत दे दी थी। इस बार भी कुछ ऐसा ही होने वाला है।यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने भले ही अभी एडमिशन के लिए काउंसिलिंग नहीं शुरू की है लेकिन प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटे भरने का खेल शुरू हो चुका है। इंजीनियरिंग कॉलेजों को काउंसिलिंग का इंतजार नहीं है उन्होंने इससे पहले ही एडमिशन शुरू कर दिए है। बच्चों को रिझाने के लिए एसएमएस गेम शुरू हो चुका है। मोबाइल पर मैसेज घनघनाने लगे हैं। रिटेल कंपनीज की तरह इंजीनियरिंग कॉलेज भी बच्चों को रिझाने के लिए तरह तरह के ऑफर दे रहे है। यहां तक के कुछ सिटी के कुछ नामी कॉलेजों में तो सीटें तक फुल हो गई है जबकि कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स को हर तरह का लालच देने में जुटे हैं।

Posted By: Inextlive