संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूएनएससी की प्रेसिडेंट जोआना रेकोना ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान द्वारा लिखे गए पत्र पर पूछे गए सवाल पर जवाब देने इनकार कर दिया है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के सवाल पर चुप्पी साध ली थी।


न्यूयॉर्क (एएनआई)। भारत सरकार ने आर्टिकल 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया है। इसके विरोध में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को एक पत्र लिखा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रेसिडेंट जोआना रेकोना ने गुरुवार को पाकिस्तान के पत्र को लेकर पूछे गए सवाल पर कुछ कहने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कश्मीर पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, 'नो कॉमेंट्स (कुछ नहीं कहना)।' बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी और जोआना रेकोना के बीच हाल ही में कश्मीर को लेकर एक बैठक हुई थी। इसके अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी कश्मीर पर भारत के स्टैंड के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने की बात कही थी। इसके बाद भी जोआना रेकोना की तरफ से इस तरह की प्रतिक्रिया सामने आई है।


संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता ने भी कुछ कहने से कर दिया था इनकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने मंगलवार को यूएनएससी के प्रस्ताव के उल्लंघन को लेकर किये गए सवालों पर जवाब देने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूरे घटनाक्रम पर संयुक्त राष्ट्र अपनी नजर रख रहा है। डुजारिक से पूछा गया कि क्या इस मामले में यूएन चीफ को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का पत्र मिला है? इसपर डुजारिक ने कहा, 'इस वक्त हम इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि यूएन चीफ को पत्र मिला है या नहीं। पत्र मिलने के बाद जाहिर है कि उसे देखा जायेगा और उसपर विचार किया जायेगा।'  आर्टिकल 370 : जम्मू-कश्मीर मामले पर पूछे जाने वाले सवाल पर संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने साधी चुप्पीशांतिपूर्ण तरीके से हो जम्मू-कश्मीर का समाधानइसी बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा है कि यूएन चीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्धिपक्षीय संबंधों को लेकर 1972 के समझौते को याद किया है, जिसे शिमला समझौता भी कहते हैं। उन्होंने कहा है कि जम्मू और कश्मीर का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।

Posted By: Mukul Kumar