कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना और कथित तौर पर पाकिस्तान की तरफ़ से आए घुसपैठियों के बीच दो हफ़्ते तक चले ऑपरेशन केरन के बाद वहाँ अब ख़ामोशी है. मुठभेड़ और झड़पों के बादल अब छट चुके हैं. लेकिन तथ्यों पर छाए बादल अभी साफ़ नहीं हुए हैं.


दो हफ़्तों तक चलने वाले ऑपरेशन केरन के ख़त्म होने की घोषणा के बाद भी कई अनुत्तरित सवाल रह गए हैं. रक्षा विश्लेषक राहुल बेदी कहते हैं, "तीन सेना अफ़सरों के बयान आए हैं जो अलग-अलग हैं. कोई कहता है आठ घुसपैठिये मारे गए, कोई कहता है 12 चरमंथी मारे गए. तीनों ने इनकी संख्या अलग-अलग दी है. कोई स्पष्टता नहीं है"एक अनुत्तरित सवाल ये भी है कि मारे गए घुसपैठियों के शव कहाँ गए? श्रीनगर से बीबीसी के संवाददाता रियाज़ मसरूर कहते हैं कि भारतीय सेना इससे पहले घुसपैठियों के शवों को मीडिया के सामने प्रस्तुत करती रही है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया. जो आठ शव दिखाए गए वो केरन सेक्टर से बाहर के थे .भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने स्वयं ऑपरेशन ख़त्म होने की घोषणा की थी.
सेना के अधिकारी अब इस ऑपरेशन के बारे में कुछ बयान नहीं दे रहे हैं. यही वजह है कि इन अनुत्तरित सवालों के जवाब नहीं मिल पा रहे हैं. राहुल बेदी के अनुसार जवाब मिलेंगे भी नहीं. उनका सुझाव है कि इसकी जाँच होनी चाहिए लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं है कि जाँच के आदेश दिए जाएंगे. "जांच तो होनी चाहिए लेकिन कोई जाँच होती नहीं है क्यूंकि सेना कहती है कि इस से जवानों के हौसले पस्त होते हैं."बढ़ी है घुसपैठलेकिन अनुत्तरित सवालों से पैदा हुई अव्यवस्था के बीच इस सच को नहीं छिपाया जा सकता कि पिछले कुछ महीनो में कश्मीर घाटी के अन्दर घुसपैठ बढ़ी है.तो क्या कश्मीर में चरमपंथी हमले अब बढ़ेंगे? इस साल सीमा पार से फ़ायरिंग की 150 घटनाएं हुई हैं जिनमें से अधिकतर पिछले तीन महीनों में हुई है. राहुल बेदी कहते हैं, "इस से साफ़ ज़ाहिर होता है कि घुसपैठिये इस बार अधिक संख्या में आए हैं."कश्मीर पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक़ इससे चरमपंथी हमले बढ़ेंगे. राहुल बेदी कहते हैं, "सर्दी के महीनो में चरमपंथी गतिविधियाँ तो बढ़ेगी हीं लेकिन सर्दियों के बाद भी इनकी गतिविधियाँ में इज़ाफ़ा होगा."सेना से कई सवाल पूछे जा रहे हैं लेकिन न तो सेना और न ही रक्षा मंत्रालय इस बारे में स्पष्टीकरण देने के मूड में है. दुर्भाग्य से केरन क्षेत्र में हुई घटना के तथ्यों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh