प्रधानमंत्री की स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत अब धीरे-धीरे लोग रुचि दिखाने लगे हैं। जिससे सरकार को हाल ही में स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत900 किलो सोना प्राप्त हुआ है। यह सोना घरों और मंदिरों में बेकार रखा था। जिससे सरकार को उम्‍मीद है कि जल्‍द ही उसकी यह स्‍कीम और ज्‍यादा लोगों के बीच पॉपुलर होगी।


खराब पड़ा था सोना
स्वर्ण मौद्रीकरण योजना को लेकर सरकार का कहना है कि अब लोग इस स्कीम को पसंद कर रहें है। इसके तहत मंदिरों और घरों में बेकार हो रहा है सोना काफी तेजी से इसमें निवेश किया जा रहा है। अब इस योजना में अब तक 900 किलो सोना जुटाया गया है। जिससे उम्मीद आने वाले समय में लोग बड़ी संख्या में इसमें निवेश करेंगे। सरकार की ओर से इस सोने को लेने के लिए 46 हॉलमार्किंग एवं शुद्धता परीक्षण केन्द्र बनाए गए हैं। जिसमें सोना जमा कराने से पहले उसकी शुद्धता जांची जाती है। इसके बाद यह जमा किया जाता है। ऐसे में सरकार का कहना है कि जागरूकता की कमी से लोग इस स्कीम को नहीं समझ पा रहे थे, लेकिन जैसे जैसे इसके बारे में लोगों को पता चल रहा है। लोगों को यह पसंद आ रही है। फायदेमंद समझकर लोग इसमें अपना पुराना बेकार पड़ा सोना इन्वेस्ट भी कर रहे हैं।सोने बाजार में लाना


बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल 5 नवंबर को इस योजना को लॉन्च किया था। इस स्वर्ण मौद्रीरकण योजना का मकसद घरों एवं मंदिरों में बिना उपयोग के पड़े सोने को बाजार में लाना है। वर्तमान में 52 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 20,000 टन सोने को बाजार में लाने का लक्ष्य है। सबसे खास बात तो यह है कि जमा अवधि पूरी होने पर मूल सोने और उसके ब्याज को उस समय के सोने के मूल्य के हिसाब से माना जाएगा। ऐसे में जमाकर्ता चाहे तो उतने ही मूल्य का सोना ले या फिर रुपये हासिल कर ले यह उसकी मर्जी पर निर्भर करेगा। बैंक में न्यूनतम 30 ग्राम सोना जमा करना होगा। इसमें सोने के सिक्के, बिस्कुट और गहने आदि जमा किए जा सकते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि देश में हर साल करीब 1,000 टन सोना आयात किया जाता है। कच्चे तेल के बाद देश में सोने का सबसे अधिक आयात किया जाता है।

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Posted By: Shweta Mishra