प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों को नियमों के दायरे में लाने और इनकी गुणवत्ता व जवाबदेही तय करने के लिये डीजीपी द्वारा गठित कमेटी ने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं। इन सिफारिशों में एजेंसियों के सिक्योरिटी गाड्र्स को प्रोफेशनली ट्रेंड करने से लेकर इनकी गुणवत्ता को लेकर तमाम सुझाव दिये गए हैं। इन सुझावों पर डीजीपी की मंजूरी मिलते ही प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां नियमों के दायरे में आ जाएंगी।

होगा थर्ड पार्टी ऑडिट
बीते दिनों प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों के लिये नियम बनाने को लेकर डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने लंबे विचार-विमर्श के बाद अपनी सिफारिशें डीजीपी को भेज दीं। सूत्रों ने बताया कि कमेटी द्वारा सिफारिश की गई है कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों का थर्ड पार्टी जरूरी है। हालांकि, इसमें यह पेंच है कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों की रजिस्ट्रेशन फीस बेहद कम है। इसलिए थर्ड पार्टी ऑडिट का खर्च वहन करने के लिये इस फीस को बढ़ाने की सिफारिश की गई है। इसी तरह इन सिक्योरिटी एजेंसियों में कार्यरत सिक्योरिटी गाड्र्स को केंद्रीय कौशल विकास विभाग द्वारा रजिस्टर्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग लेना भी आवश्यक करने की सिफारिश की गई है।
पोर्टल पर डाला जाएगा एजेंसियों का नाम
सूत्रों ने बताया कि कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि ट्रेनिंग व अन्य नियमों का पालन करने के साथ-साथ एजेंसियों को गुणवत्ता प्रमाणित करने वाली संस्था आईएसओ से सर्टिफिकेट भी लेना होगा। इन सभी नियमों का पालन करने वाली और आईएसओ सर्टिफिकेट हासिल करने वाली सिक्योरिटी एजेंसियों का नाम विभाग के पोर्टल में डालने की सिफारिश की गई है। पोर्टल में नाम दर्ज हो जाने के बाद कोई भी कंपनी मुतमइन होकर इन कंपनियों की सेवाएं ले सकेंगी।

ट्रैफिक संचालन में भी लगाई जा सकेगी ड्यूटी

सूत्रों ने बताया कि कमेटी ने सिफारिश की है कि नियमानुसार ट्रेंड गाड्र्स को विभाग आवश्यक्ता पडऩे पर सार्वजनिक कार्यक्रमों में भीड़ को संभालने के काम में लगा सकता है। इससे न सिर्फ स्टाफ की कमी से जूझ रहे पुलिस विभाग को आसानी होगी बल्कि, आयोजन करने वाली संस्थाओं को भी इससे मदद मिल सकेगी। इसी तरह जरूरत पडऩे पर ट्रैफिक संचालन में भी इन ट्रेंड गाड्र्स की सेवाएं ली जा सकेंगी।
कमेटी ने अपनी सिफारिशें भेज दी
प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों को लेकर कमेटी ने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं। अंतिम निर्णय होने के बाद इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
- प्रवीण कुमार त्रिपाठी, डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर

तो इसलिए सपा को कम मिले वोट, अखिलेश यादव ने फिर की मत पत्र से वोटिंग कराने की मांग

राज बब्बर का इस्तीफा देने से इंकार

Posted By: Shweta Mishra