- अब अनुबंधित बसों पर शासन का आया का निर्देश, 31 बिंदुओं पर होगी जांच

- जरा भी कमी होने पर बसों को दिखाएंगे बाहर का रास्ता

GORAKHPUR: हाल ही में हुए संतकबीर नगर हादसे के बाद एक बार फिर परिवहन निगम की साख पर दाग लगा है। हालांकि हादसे की जांच में रोडवेज बस की कोई गलती नहीं पाई गई। बल्कि ट्रक जरूर ई रिक्शा के नंबर पर फर्राटा भरते हुए पाया गया जिसके बाद आरटीओ की पोल खुलती नजर आई है। हादसे के बाद परिवहन निगम के एमडी ने सभी रीजन को निर्देश जारी किया है। इस बार अनुबंधित बसों पर कड़ाई करने का सख्त निर्देश जारी किया गया है। अब अनुबंधित बसों को भी 31 बिंदुओं की जांच से होकर गुजरना होगा। किसी भी बस में जरा भी कमी पाए जाने पर उसे बाहर का रास्ता दिखाना है।

चेकिंग में नहीं चलेगी लापरवाही

अभी हाल ही में एआरटीओ ने निगम की बसों की फिटनेस जांच की थी। जो बसें अनफिट मिलीं उन्हें दुरूस्त कराने के लिए भेजा गया। अभी तक अनुबंधित बसें बेरोकटोक मजे से फर्राटा भर रही थीं। लेकिन अब इनपर भी शासन की टेढ़ी नजर पड़ी है। अनुबंधित बसों की 31 बिंदुओं पर जांच होगी। इसमें लापरवाही ना हो इसके लिए निजि स्तर पर जांच के बाद शासन से भी एक टीम आएगी जो बसों की जांच करेगी। जरा भी लापरवाही मिलने पर जांच करने वालों पर भी गाज गिर सकती है।

निर्देश के बाद खलबली

शासन का निर्देश आने के बाद अनुबंधित बस मालिकों में खलबली मच गई है। बस की चेकिंग हो इसके पहले ही वाहन मालिक अपनी बसों को दुरूस्त कराने में लगे हुए हैं। उन्हें डर है कि कहीं अच्छे से जांच हुई तो उनकी बस बाहर ना हो जाए।

बॉक्स

आते समय बढ़ेगी मुश्किल

लाख कोशिश के बाद भी छठ पर्व पर परिवहन निगम के जिम्मेदार बसों की कमी को दूर नहीं कर पाए। बिहार के पैसेंजर्स को रोडवेज की बस में लटक कर घर जाना पड़ा। अभी गोरखपुर से निगम की एक मात्र बस बिहार के लिए जाती है। वहीं बिहार राज्य की छह बसें गोरखपुर से बस अड्डे से बिहार के लिए जाती हैं। इतनी बसें भी बिहार के पैसेंजर्स की भीड़ के आगे बेहद कम हैं। जबकि आरएम का कहना है कि हमारी बसों को वहां रुकने ही नहीं दिया जाता है इसलिए एक्स्ट्रा बसें नहीं भेजते हैं। बिहार जाने वालों के लिए मुश्किलें अभी कम नहीं हुई है। उन्हें छठ त्योहार मनाकर लौटते समय भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। वहीं डग्गामार बसों की मनमानी में कोई कमी नहीं है। वे त्योहार में हुई भीड़ का पूरा फायदा उठा रहे हैं। केवल 120 किमी का वे दोगुना किराया वसूल रहे हैं।

वर्जन

बिहार की बसें हम बढ़ा नहीं सकते हैं क्योंकि वहां पर जगह नहीं मिलती है। बाकी जगहों के लिए हमने सारी तैयारी की है। जहां भी बसें कम पड़ेंगी वहां के लिए एक्स्ट्रा बसें चलाएंगे।

- डीवी सिंह, आरएम

Posted By: Inextlive