- उप्र। रोडवेज कर्मचारी संघ ने की आपात बैठक

- संघ समायोजन के लिए दाखिल करेगा याचिका

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KANPUR। रोडवेज विभाग ने मेडिकली अनफिट ड्राइवर्स को सेवामुक्त करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद ड्राइवर्स में खलबली मच गई है। परिवहन निगम के एमडी के रविंद्र नायक ने हाईकोर्ट के आदेश पर ये फैसला सुनाया है। फ्राइडे को उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ ने इस आदेश के संदर्भ में बैठक की। जिसमें इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की योजना बनाई है।

हिसाब-किताब कर दिया जाए

28 सितंबर को जारी पत्र में 15 जुलाई 2015 को वीरेंद्र यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य तीन मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा गया है कि अनफिट ड्राइवर्स को सेवानिवृत्ति का लाभ देते हुए उनका हिसाब-किताब कर दिया जाए। साथ ही यह भी कहा कि ऐसे ड्राइवर्स को बचे हुए कार्यकाल के आधार पर मुआवजा दिया जाए। जिसका रेट तय कर उसी के अनुसार गणना की जाए।

दी जाए दो सप्ताह की नोटिस

उन्होंने आदेश दिया है कि मेडिकली अनफिट ड्राइवर को कम से कम दो सप्ताह की नोटिस दी जाए और सेवा से हटाने वाले दिन ही सेवानिवृत्ति लाभ के देयों का चेक भी सौंपा जाए। भविष्य में भी डॉक्टर जिन्हें अनफिट करार दें, उन्हें तत्काल हटा दिया जाए।

चालकों की मदद को आगे आया संघ

उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ ने इस संदर्भ में आपात बैठक की। क्षेत्रीय अध्यक्ष राहुल देव वाजपेयी ने बताया कि संघ के अधिवक्ताओं द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के फैसले एवं उसके अनुपालन में मुख्यालय द्वारा जारी किए गए निर्णय का विधिक परीक्षण किया जा रहा है। शीघ्र ही न्यायालय में उनको कार्यशालाओं में समान ग्रेड के तकनीकी कर्मचारी के स्थान पर समायोजित करने एवं आश्रितों को नौकरी देने की मांग के साथ याचिका दाखिल करेंगे। ऐसे सभी चालक जो उक्त आदेश से प्रभावित हैं। वह उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के क्षेत्रीय कार्यालय बस स्टेशन चुन्नीगंज पर निशुल्क मदद हेतु संपर्क कर सकते हैं। बैठक में योगेश अग्निहोत्री, जितेंद्र कुमार मिश्र, अशोक साहू, जलील अहमद, केके अवस्थी, केके तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।

'अभी आदेश मिला है। अनफिट चालकों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस दी जाएगी। उनका जितना सर्विस पीरियड बचा है। उसका बकाया दिया जाएगा.'

- नीरज सक्सेना, आरएम

Posted By: Inextlive