Jamshedpur: कंट्री में डायबिटीज हायपरटेंशन स्ट्रोक जैसे नन कम्यूनिकेबल डिजीज एनसीडी के केसेज लगातर बढ़ते जा रहे हैं. ये बीमारियां कंट्री में होने वाले 42 परसेंट डेथ्स की वजह बनती हैं. सिटी में भी एनसीडी के पेशेंट्स की संख्या बढ़ रही हैं. डॉक्टर इन बीमारियों के लिए अनहेल्दी डायट फिजिकल एक्टिविटी में कमी स्मोकिंग और अल्कोहल के इस्तेमाल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैैं.

MCD बना खतरा
डायबिटीज, आइसेमिक हार्ट डिजीज (आइएचडी), हायपरटेंशन, कैंसर और स्ट्रोक आपकी लाइफ के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में इन बीमारियों ने तेजी से पैर फैलाया है। हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक प्रति हजार आबादी में डायबिटीज का प्रिविलेंस 62.47 है। वहीं आइएचडी, हायपरटेंशन और स्ट्रोक का प्रिविलेंस 37, 159.46 और 1.54 है। कंट्री में कैंसर के भी करीब 25 लाख मामले हैं। बात सिटी की करें तो यहां भी इस तरह की बीमारियों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। फिजिशियन डॉक्टर निर्मल कुमार ने बताया कि पिछले कुछ सालों में सिटी में इस तरह के पेशेंट्स की संख्या काफी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि एडल्ट के साथ-साथ कम उम्र के लोगों में भी डायबिटीज और हायपरटेंशन जैसे डिजीज हो रहे हैैं।

Lifestyle बिगाड़ रहा सेहत
इन बीमारियों के बढ़ते प्रिविलेंस के लिए लाइफस्टाइल में आ रहे बदलाव जिम्मेदार बताए जा रहे हैं। डॉ निर्मल कुमार बताते हैैं कि अनहेल्दी डायट और फिजिकल एक्टिविटी में कमी आने से डायबिटीज और हायपरटेंशन जैसे मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हायपरटेंशन बढऩे से हार्ट स्ट्रोक और आइएचडी के केसेज भी हो रहे हैं। वहीं कई तरह के कैंसर के लिए स्मोकिंग और अल्कोहल भी जिम्मेदार है।

खान-पान में हो रहे बदलाव और फिजिकल एक्टिविटी में आ रही कमी की वजह से डायबिटीज और हायपरटेंशन जैसी बीमारियां हो रही हैं।
डॉ बलराम झा, फिजिशियन

Posted By: Inextlive