मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में महंगाई बेरोजगारी और मंदी से निपटने के प्रभावी इंतजाम किए जाने की उम्मीद की गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दूसरे बजट में इन समस्याओं के निदान के लिए यथासंभव प्रयास किए हैं जो पूरी तरह से दिख रहे हैं। वहीं इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता कि इस बजट के जरिए देश की आर्थिक स्थिति को बहुत हद तक संभालने की कोशिश की गई है।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मध्य वर्ग और नौकरी पेशा लोगों को टैक्स स्लैब में राहत की मिलने की उम्मीद को पूरा करने की पूरी-पूरी कोशिश की है। इसके अनुसार पहले की अपेक्षा नए स्लैब में कम टैक्स देना होगा। वहीं नौकरी पेशा लोगों के लिए बजट में पुराने व नए दोनों ही स्लैब का ऑप्शन दिया गया है। बजट को थोड़ा विस्तार से समझें तो 5 लाख रुपए तक की इनकम वालों को पुरानी की तरह नई व्यवस्था में भी टैक्स नहीं देना होगा। नई व्यवस्था के तहत 5 से 7.5 लाख रुपए की इनकम वालों को अभी 20 परसेंट टैक्स देना होता है उसे अब 10 परसेंट ही देना होगा। 10 लाख से 12.5 लाख रुपए की इनकम पर अभी 30 परसेंट टैक्स है। इसे घटाकर 20 परसेंट करेंगे। इसी तरह से 15 लाख सालाना आय वाले अगर कोई डिडक्शन नहीं लेते तो उन्हें 2.73 लाख की बजाय 1.95 लाख टैक्स चुकाना होगा। इनकम टैक्स की नई दरें वैकल्पिक होंगी। करदाता को पुरानी और नई व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा। मौजूदा छूट और कटौतियों में से करीब 70 को नई सरलीकृत प्रणाली में हटा दिया जाएगा।


इसके अलावा बजट में नए शिक्षण संस्थानों, स्किल संस्थानों के लिए और किसानों को बाजार व उनके प्रोडक्टस को ऑनलाइन और इंटरनेशनल बाजार तक पहुंचाने की भी बात है। बजट में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी जिस अहम बात का जिक्र किया गया है वह ये कि देश के शीर्ष 100 शैक्षणिक संस्थान उन छात्रों के लिए डिग्री स्तर का एक ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम आरंभ करेंगे जो समाज के वंचित तबके से संबंध रखते हैं और जिनकी उच्च शिक्षा तक पहुंच नहीं है।सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए बजट पेश करते हुए ये भी कहा कि जल्द ही नई शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी और सरकार अगले वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखती है। वित्त मंत्री ने ये भी घोषणा की कि शिक्षकों, नर्सों, पराचिकित्सा कर्मी और सेवा प्रदाताओं के कौशल में सुधार और अनुरूपता लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, पेशेवर निकायों के साथ मिलकर विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करेंगे जो भारतीय युवाओं को बेहतरीन मौके मुहैया करा सकते हैं।

परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर पर 1.7 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम भी इस दौरान घोषित किया गया है। सिर्फ यही नहीं, इसके अलावा पीपीपी मॉडल पर पांच स्मार्ट शहर भी डेवलप किए जाएंगे। इसके इतर उड़ान योजना के तहत 100 नए हवाई अड्डे बनाने की घोषणा भी इस बजट के तहत बेहद महत्वपूर्ण है। यहां एक बात याद दिलानी बहुत जरूरी होगी कि पिछले दो वर्षों में इस योजना के तहत छोटे शहरों में 50 हवाई अड्डों का विकास किया गया है। इसी क्रम में विकास की ये गति आगे भी यूहीं जारी रखी जाएगी। इसके अलावा रेलवे की खाली जमीन और ट्रैक के आसपास ज्यादा क्षमता वाले सोलर पैनल लगाने की भी घोषणा की गई। साथ ही दूध और मछली जैसी जल्दी खराब होने वाली चीजों के लिए पीपीपी मोड पर किसान रेल चलाने की बात भी हुई जिसके कोच पूरी तरह से रेफ्रिजरेटेड होंगे।- डाॅ. उमेश चंद्र पाठक

Posted By: Vandana Sharma