Union Budget 2020: बढ़ती महंगाई के बीच मिडिल क्‍लास ने इंकम टैक्‍स की दरों में कमी की आस लगा रखी है। उसे इस बात की उम्‍मीद होगी कि आने वाला बजट उसके लिए राहत की सांस लेकर आएगा। आइए एक नजर डालते हैं कि डायरेक्‍ट टैक्‍स के मोर्चे पर लोगों ने क्‍या आस लगा रखी है।


कानपुर। Union Budget 2020: जैसे-जैसे बजट पेश होने की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे लोगों की उम्‍मीदें भी परवान चढ़ने लगी हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट से लोगों को खासी उम्‍मीदें हैं। हालांकि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए इन उम्‍मीदों के बीच संतुलन बनाने की कठिन चुनौती सामने है।2014-15 से नहीं बदली छूट की सीमा


इंकम टैक्‍स में छूट की सीमा 2014-15 से जस की तस है। वर्तमान में यह 2.5 लाख रुपए है, बढ़ती महंगाई के बीच लोगों को इस बात की आस है कि यह सीमा बढ़ेगी। हालांकि सरकारें टैक्‍स बेस को बड़ा बनाने के नाम पर इसे छूने से बचती आई हैं, उसकी भरपाई 5 लाख रुपए तक की आय पर रिबेट के जरिए करने की कोशिश की गई है लेकिन उससे लोगों को पूरी तरह राहत नहीं मिली। इस आय सीमा को पार करते ही टैक्‍स की दर 5 से बढ़कर 20 प्रतिशत पहुंच जाती है।बचत खाते पर मिलने वाला ब्‍याज

बचत खाते पर सालाना मिलने वाले ब्‍याज पर कटौती की सीमा अभी 10 हजार रुपए है। सीनियर सिटीजंस के लिए इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया था। बहरहाल लोग इस बात की उम्‍मीद कर रहे हैं कि कटौती की सीमा सभी के लिए बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने के साथ ही एफडी यानी फिक्‍सड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्‍याज को भी इसमें शामिल कर लिया जाए।बच्‍चों की पढ़ाई पर खर्चबच्‍चों की ट्यूशन फी पर होने वाला खर्च इंकम टैक्‍स की धारा 80सी के अंतर्गत 1.5 लाख रुपए के दायरे में ही आता है। मिडिल क्‍लास को वित्‍त मंत्री से इस बात की आस होगी कि बच्‍चों की पढ़ाई पर बढ़ते खर्च के बीच एजूकेशन पर होने वाले खर्च के लिए अलग से कटौती का प्रावधान किया जाए। अब यह देखने वाला होगा कि उम्‍मीदों और चुनौतियों के बीच वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण कैसे संतुलन बैठा पाती हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari