Patna: स्टेट की यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन को लेकर सारी तैयारियों को बड़ा झटका स्टूडेंट्स ने ही दिया है. तीन दशकों से इलेक्शन नहीं हुए तो कई सारे विंग्स बन गये जो खुद को स्टूडेंट्स के हिमायती बताने लगे.


विरोध नियमों को लेकर है
एजुकेशन डिपार्टमेंट के एक लेटर पर स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन की कवायद तो शुरू हुई लेकिन अब लंबी लड़ाई लडऩे वाले स्टूडेंट्स ही इसके विरोध में हैं। विरोध नियमों को लेकर है, जिसमें सभी को अपने इलेक्शन में नहीं खड़े होने का डर सता रहा है। पीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने इलेक्शन के लिए कमेटी बनाई, गुरुवार को पहली मीटिंग होनी थी। लेकिन मीटिंग के पहले ही इतना बवाल हुआ कि सब थमता दिख रहा है.

लिंगदोह कमेटी का विरोध
स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराने को लेकर हर कैंपस हंगामेदार रहता रहा है। तीस सालों में स्टूडेंट्स किसी भी मांग को लेकर बवाल करें, स्टूडेंट्स यूनियन की मांग शामिल हो जाती थी, लेकिन अब इलेक्शन का वक्त आया तो प्रॉसेस के खिलाफ अधिकतर छात्र संगठन आ गये है। सभी का विरोध लिंगदोह कमेटी की उस रिपोर्ट को लेकर है जिसे इलेक्शन की नियमावली के तौर पर यूज किया जाना है। रिपोर्ट में ना सिर्फ इलेक्शन लडऩे वाले स्टूडेंट्स को कैटेगोराइज किया गया है, बल्कि कई ऐसे राइडर भी लगा दिए गये हैं जिससे पुराने लीडर्स का कटना तय है.

हुआ हंगामा, मीटिंग पोस्टपोंड
पीयू की इलेक्शन कमेटी फंक्शनल हो चुकी है। गुरुवार को इसकी पहली मीटिंग होनी थी। इसमें लिए नियमावली बनाने के लिए मीटिंग होनी थी। लेकिन स्टूडेंट्स के हंगामे के कारण मीटिंग नहीं हो सकी। इस दौरान आइसा, एआईएसएफ, छात्र जदयू और एनएसयूआई ने लिंगदोह कमेटी के बेसिस पर इलेक्शन कराने का विरोध किया है। जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लिंगदोह कमेटी को सही बताया है और इसी को इलेक्शन का आधार बनाने की मांग की है। इस संबंध में एबीवीपी के विश्वविद्यालय प्रमुख पप्पू वर्मा ने बताया कि इन नियमों पर ही स्टूडेंट इलेक्शन सही मायने में स्टूडेंट्स का होगा.

Posted By: Inextlive