RANCHI : बीएड कोर्स में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए स्टूडेंट्स का एडमिशन लिए जाने के मुद्दे पर अगस्त में एचआडी और राज्य के सभी यूनिवर्सिटीज के बीच मीटिंग हुई थी। इसमें यूनिवर्सिटीज को ख्फ् सितंबर तक अपना मंतव्य देने को कहा गया था, लेकिन एचआरडी को अब तक किसी भी यूनिवर्सिटी ने कोई सुझाव नहीं मिला है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या बीएस कोर्स में एडमिशन को लेकर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में यूनिवर्सिटीज की कोई दिलचस्पी नहीं है।

हायर एजूकेशन डायरेक्टर ने यूनिवर्सिटीज से जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी

कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए बीएड में एडमिशन पर यूनिवर्सिटी से किसी तरह का सुझाव नहीं मिलने पर हायर एजूकेशन के डायरेक्टर डॉ डीएन ओझा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी यूनिवर्सिटीज को जल्द से जल्द सुझाव देने को कहा है, ताकि इस दिशा में आगे की कार्रवाई की जा सके।

कॉमन एंट्रेंस टेस्ट लागू होने से मनमानी पर लगेगी रोक

स्टेट में पांच यूनिवर्सिटीज हैं। रांची यूनिवर्सिटी, विनोबा भावे यूनिवर्सिटी हजारीबाग, सिदो-कान्हू यूनिवर्सिटी दुमका, कोल्हान यूनिवर्सिटी चाईबासा और नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी पलामू से संबद्ध करीब सौ बीएड कॉलेज हैं। इनमें कुछ सरकारी तो कुछ प्राइवेट बीएड कॉलेजेज हैं। खासकर प्राइवेट बीएड कॉलेजेज में एडमिशन को लेकर मनमानी किए जाने की बात आती रही है। वैसे बीएड के लिए मेरिट बेसिस पर एडमिशन होता है, पर कई प्राइवेट बीएड कॉलेजेज में इस नियम को ताक पर रखकर स्टूडेंट्स का एडमिशन लिया जाता है। ऐसे में अगर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए बीएड कोर्स के लिए एडमिशन होंगे, तो प्राइवेट बीएड कॉलेजेज के मनमाने रवैए पर लगाम लग जाएगा। इस वजह से इनकी कमाई का एक बड़ा जरिया भी बंद हो सकता है। यही वजह है कि ये एडमिशन के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

Posted By: Inextlive