अनुशासनहीनता, मारपीट व कैम्पस में अराजकता के आरोपियों का है मामला

बोर्ड ऑफ डिसिप्लिन के समक्ष छात्रनेताओं ने रखा था पक्ष, लेकिन नहीं हुई सुनवाई

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को बोर्ड ऑफ डिसिप्लिन की बैठक में तीन छात्रों के पांच साल के निष्कासन के फैसले को बरकरार रखा गया है। यह जानकारी यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रो। रामसेवक दुबे ने दी है। उन्होंने बताया कि आनंद कुमार सिंह निक्कू, नीरज प्रताप सिंह और पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह पर हुई कार्रवाई की बावत अंतिम फैसला ले लिया गया। बताया कि इस दौरान इनके ऊपर कैम्पस में इंट्री भी बैन रहेगी। गौरतलब है कि आनंद सिंह निक्कु इविवि में छात्र संघर्ष संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं। वहीं विक्रांत सिंह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व वर्तमान में त्रिपुरा राज्य के भाजपा प्रभारी हैं। जबकि नीरज प्रताप सिंह पूर्व इकाई मंत्री एबीवीपी के कार्यकर्ता हैं।

हम नहीं पूरी होने देंगे मंशा

उधर, फैसले के विरोध में छात्रसंघ संघर्ष मोर्चा की बैठक भी हुयी। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि वे निष्कासन व निलंबन से न डरे हैं और न ही डरेंगे। कहा कि यह फैसला कुलपति के भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ लगातार आवाज उठाने का परिणाम है। आनंद सिंह निक्कू ने कहा कि कुलपति विवि को भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बनायेंगे तो उनकी इस मंशा को हम पूरा नहीं होने देंगे। बैठक में नीरज प्रताप सिंह, अभिषेक शुक्ला, अमित त्रिपाठी, प्रवीन कुमार, हरिनाम सिंह, संदीप कुमार, अश्वनी मौर्या, सूर्य प्रकाश मिश्रा, अंशुल यादव, संदीप पटेल आदि शामिल रहे।

अराजकता के आरोप में हुए थे निष्कासित

बता दें कि इससे पहले 08 दिसम्बर 2017 को हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में आनंद कुमार सिंह निक्कू व नीरज प्रताप सिंह को अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया गया था। जिसमें विभिन्न तरह के आरोपों में निष्कासित आनंद व नीरज ने अनुशासन समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात कही और प्रत्यावेदन भी सौंपा था।

प्रो। आरके सिंह की कमेटी ने की थी संस्तुति

इससे पहले ब्लैक लिस्टेड किये जाने के खिलाफ नीरज प्रताप सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गये। हाईकोर्ट ने आरोपियों का पक्ष भी सुनने का आदेश दिया था। छात्रनेताओं ने विवि प्रशासन पर बिना उनका पक्ष सुने एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया था। मालूम हो कि उपरोक्त छात्रनेताओं पर कार्रवाई की संस्तुति प्रो। आरके सिंह, प्रो। एसए अंसारी, प्रो। एमपी सिंह, प्रो। बेचन शर्मा और प्रो। बीके राय की जांच कमेटी ने की थी।

Posted By: Inextlive