सावन का महीना देवों के देव महादेव के लिए रिजर्व रखा जाता है। इस माह मे भक्‍तगण सिर्फ भोलेनाथ की पूर्जा अर्चाना करते हैं। जिन कन्‍याओं को अच्‍छे वर की चाह होती है वह भी सावन के सोमवार का व्रत रख मनचाहा वर प्राप्‍त करती हैं। सावन में भोलेनाथ की पूजा कर भक्‍त मनचाहा वर प्राप्‍त कर सकते हैं। मंदिरों में घंटे घडियाल की गूंज सुनाई देती है। आज हम आप को भोलेनाथ से जुड़े हुए कुछ महत्‍वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं।


क्यों हैं भगवान शिव की तीन आंखेंभगवान शिव को त्रिनेत्रधारी भी कहते हैं। भगवान शिव का तीसरा नेत्र आज्ञा चक्र का स्थान है। यह आज्ञा चक्र ही विवेक और बुद्धि का स्रोत माना जाता है। सभी प्रणियों में आज्ञा चक्र विधमान होता है। बस इसे समझने की जरुरत है।इसिलए भस्म रमाते हैं शिव


हिन्दू धर्म में देखा गया है की सभी देवी देवता बहुत सुन्दर वस्त्र आभूषण धारण करते हैं। देवो के देव महादेव अपने पुरे शरीर पर भस्म लागतें हैं। भस्म की एक विशेषता होती है कि यह शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है। इसका मुख्य गुण है कि इसको शरीर पर लगाने से गर्मी में गर्मी और सर्दी में सर्दी नहीं लगती। मगर यह तो रही विज्ञानं की बातें मगर भगवान शिव के बारे में यह माना जाता है की उन्हें सभी चीजे अच्छी लगती है। चाहे वह जीवित हो या फिर मृत हो।त्रिशूलधारी हैं भगवान शिव

देवी देवताओं का अपना अपना प्रमुख अस्त्र है। भगवान शिव का प्रमुख अस्त्र त्रिशूल है जिस से वह अपने रूद्र रूप में दुष्टो का नाश करते हैं। त्रिशूल के तीन नुकीले सिरे इन तीनों प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। त्रिशूल के माध्यम से भगवान शिव यह संदेश देते हैं कि इन गुणों पर हमारा पूर्ण नियंत्रण हो। यह त्रिशूल तभी उठाया जाए जब कोई मुश्किल आए। तभी इन तीन गुणों का आवश्यकतानुसार उपयोग हो।नंदी की सवारी करते हैं महादेवभगवान शिव का वाहन नन्दी है। नन्दी बैल जितना शांत और सुंदर दिखता है उतना ही वह शक्तिशाली है। नन्दी की भक्ति और भोलेपन के कारण उसे भगवान ने अपनी सवारी बनाया है। नंदी पुरुषार्थ का भी प्रतीक माना गया है।गले में आभूषणों के स्थान पर नाग धारण करते हैंभगवान शिव की वेशभूषा सभी भगवानो से अलग और अनोखी है। भगवान शिव अपने शरीर पर छाल और गले में नाग को धारण करते हैं। नाग धरती का एक सबसे खतरनाक प्राणी है। भगवान शिव नाग को धारण कर सभी को यह संदेश देते है की जीवन चक्र में हर प्राणी का अपना विशेष योगदान है। इसलिए बिना वजह किसी प्राणी की हत्या न करें।

Posted By: Prabha Punj Mishra