-2014 में पुलिस को मिलीं डिस्ट्रिक्ट में 497 अननोन बॉडीज

-पुलिस रिकार्ड में सिर्फ 73 बॉडी की हो सकी पहचान

ALLAHABAD: हर साल सैकड़ों लोग ऐसे मारे जाते हैं जिनकी कोई पहचान नहीं होती। पुलिस की नजर में ऐसे लोग पागल या भिखारी टाइप के होते हैं। हर साल सैकड़ों लोगों की मौत के बाद पुलिस उनका अंतिम संस्कार लावारिस मानकर कर देती है। पिछले साल भी यही हुआ। इलाहाबाद में कुल ब्97 अननोन बॉडी मिलीं। जिसमें सिर्फ 7फ् की ही पहचान हो सकी। ब्00 से ज्यादा लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

फोरेंसिक टीम को दी गई जिम्मेदारी

पुलिस विभाग में अननोन बॉडीज मिलने पर संबंधित थानों को फोरेंसिक एक्सपर्ट बुलाने को कहा गया है। फोरेंसिक टीम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह मौके पर पहुंच कर न केवल उसकी जांच पड़ताल करे बल्कि उसकी फोटोग्राफी भी करे। फोरेंसिक टीम अपना काम हमेशा करती है। लेकिन ज्यादातर मामलों में पुलिस इस टीम को मौके पर बुलाती ही नहीं है। पोस्टमार्टम हाउस में तीन दिन रखने के बाद बॉडी का पोस्टमार्टम कर लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। इस दौरान पिक्चर लेने पर सड़ी गली बॉडी की पिक्चर मिलती है जिससे बाद में पिक्चर देखकर कोई भी अपनों की पहचान नहीं कर सकता।

कब शुरू होगा डीएनए

हर साल सैकड़ों लोगों की मौत यूं ही हो जाती है और उनका पता नहीं चलता। ऐसे में अब पुलिस आफिसर ने यह गाइड लाइन जारी की है कि अब हर अननोन बॉडी की पहचान के लिए उनका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। डीएनए टेस्ट के लिए पोस्टमार्टम के दौरान ही डीएनए का सैंपल प्रीजर्व किया जाएगा। लेकिन अभी तक यह लागू नहीं हो सका है। एक तो यह प्रोसेस बहुत लम्बा है और दूसरा इसका खर्च भी बहुत ज्यादा है। कई बार लोगों को पता भी नहीं चलता कि मरने वाला उनका अपना है।

बॉडी पहचान करने में होता है लोचा

शिनाख्त करने के मामले में इलाहाबाद में कई बार लोचा भी हुआ है। कुछ वर्षो पहले सोरांव में एक युवती की बॉडी मिली थी। उसकी इज्जत लूट कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उसकी पहचान इंडस्ट्रियल एरिया के रहने वाले व्यक्ति ने अपनी बेटी हिना के रूप में की थी। उन्होंने पड़ोसी युवक के खिलाफ ही मर्डर और रेप का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने बिना जांच पड़ताल के ही इस मामले में कार्रवाई करते हुए युवक को रेप व मर्डर केस में जेल भेज दिया था। लेकिन ऐसा था नहीं। उनकी बेटी हिना जिंदा और वह अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। इस मामले में पुलिस बैक फुट पर आई और जेल भेजे गए निर्दोष युवक को रिहा कराया। हालांकि इसके बाद उस युवती का पता नहीं चल सका कि वह कौन थी, जिसकी पहचान हिना के रूप में की गई थी।

फैक्ट फाइल

- हर साल इलाहाबाद में मिलती हैं सैकड़ों अननोन बॉडी

-ख्0क्ब् में पुलिस को मिली थी ब्97 अननोन बॉडी

-बॉडी पुरानी हो जाने के बाद पहचान करना मुश्किल

-पिक्चर देखकर भी कोई नहीं कर पाता सही पहचान

-कई बार दूसरों की बॉडी को देखकर लगता है कोई अपना

-अब डीएनए टेस्ट से होगी बॉडी की सही पहचान

-खर्च ज्यादा और जटिल प्रक्रिया के कारण बना है प्राब्लम

Posted By: Inextlive