रांची में हर तीसरे दिन मिल रही लावारिस लाश
- रांची पुलिस ने जनवरी से मई तक बरामद की है 50 से अधिक लाशें
- दस प्रतिशत लाशों की हुई शिनाख्त, बाकी को रिम्स मॉच्यूरी में पहचान की आस - अननोन बॉडी में अधिकतर महिलाओं के शव RANCHI: सभी शांति देवी तो नहीं हैं न? बीआईटी ओपी पुलिस ने 11 मई को जुमार पुल के पास बंद बोरे से उसका अर्द्धनग्न शव बरामद किया था। महिला के साथ गैंगरेप की आशंका जताई गई थी। पुलिस को उसके बटुए से फोन नंबर मिला, जिसके आधार पर उसकी पहचान हुई। पर, रांची में ऐसे कई अज्ञात लाशें हैं, जो अपनी पहचान के लिए रिम्स के मॉच्यूरी डिपार्टमेंट में महीनों से पड़ी हुई हैं। उन लाशों की शिनाख्त करने में न तो पुलिस तत्पर है और न ही कोई एजेंसी? अननोन बॉडी की रांची में ढेररांची में अननोन लाशों की ढेर लगती जा रही है। पहले अपराधी लोगों की हत्या कर देते हैं, फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए रांची के विभिन्न एरिया में फेंक डालते हैं। रिम्स में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, रांची के बुंडू, तमाड़, चान्हो, चुटिया,जगन्नाथपुर, डोरंडा, कोतवाली समेत अन्य थाना की पुलिस ने जनवरी से लेकर मई तक 50 से अधिक शवों को बरामद किया है। इनमें से अधिकतर शव महिलाओं, नवजात व युवतियों के हैं। इसके अतिरिक्त पुरुषों के शव भी बरामद किए गए हैं।
रेलवे पुलिस ने बरामद की सर्वाधिक लाश आंकड़ों के मुताबिक, अधिकतर लाशें रांची रेलवे व हटिया रेलवे पुलिस ने बरामद की है। रिम्स के मॉच्यूरी में पड़े 50 में से 15 लावारिस बॉडी रेलवे पुलिस ने भेजी है। इनमें से कई की शिनाख्त हो चुकी हैं, तो कई शिनाख्त होने की आस में हैं। दस प्रतिशत शवों की हुई शिनाख्त रिम्स में पड़े लाशों में दस प्रतिशत की ही शिनाख्त हो पाई है। शेष शव रिम्स में सड़ रहे हैं। उनकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है। वो लाशें अपनी पहचान के लिए बेताब हैं। । व्हाट रूल्स से का लोगो--