-21 जुलाई को रिम्स से लाया गया था मरीज को

RANCHI : कौन कहता है कि बेसहारों का कोई सहारा नहीं होता है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण देखने को मिला है। गुरुनानक हास्पिटल में पिछले क्भ् दिनों से एक लावारिस मरीज का इलाज गुरुनानक हास्पिटल प्रबंधन करा रहा है। मरीज अपना नाम करनाल सिंह और खुद को बारीडीह, टाटा का रहने वाला बता रहा है। वह अपने पिता का नाम नाजनाथ सिंह और पत्नी का नाम सुरिंदर कौर बताता है। इसके अलावा वह कुछ भी बताने में असमर्थ है। ऐसे में उसका इलाज गुरुनानक हास्पिटल में किया जा रहा है। प्रबंधन के लोग उसे ख्क् जुलाई को रिम्स से लेकर आए थे।

इलाज का पूरा खर्च उठा रहा प्रबंधन

ख्क् जुलाई को रिम्स से किसी ने काल कर लावारिस मरीज की सूचना गुरुनानक हास्पिटल को दी थी। इसके बाद तत्काल एक टीम रिम्स पहुंची और उसे लेकर गुरुनानक हास्पिटल ले आई। जहां उसका ब्रेन हैंब्रेज होने की डॉक्टरों ने आशंका जताई। फिलहाल उसका इलाज गुरुनानक के एमआइसीयू में डॉ। तरुण कुमार अडुकिया की देखरेख में चल रहा है। जिसका सारा खर्च हास्पिटल प्रबंधन उठा रहा है। हास्पिटल कमेटी के प्रेसिडेंट चरणजीत सिंह वासु ने बताया कि फिलहाल वह कुछ भी बताने में असमर्थ है। उसके परिजनों से संपर्क करने की कोशिश्ा जारी है।

रिम्स ने बताया था लावारिस

राज्य के सबसे बड़े हास्पिटल ने भ्भ् वर्षीय एक वृद्ध को रिम्स में लाया गया था। जिसे रिम्स में एडमिट कर लावारिस की तरह छोड़ दिया गया था। हास्पिटल में उसे लावारिस बताकर उसे रखने से इनकार कर दिया था। चूंकि वह मरीज पंजाबी है इसकी सूचना रिम्स में विजिट करने वाले एक एमआर ने गुरुनानक हास्पिटल को दी थी। इसके बाद ही गुरुनानक हास्पिटल प्रबंधन ने तत्काल उसे रिम्स से उठाकर अपने हास्पिटल में एडमिट कराकर इलाज शुरू किया।

Posted By: Inextlive