बीते दिनों बिहार में जो कुछ हुआ उसे पूरी दुनिया ने देखा। लालू-नीतीश की दोस्‍ती टूटी और सरकार बदल गई। लालू और नीतीश की सोच में काफी अंतर था। फिर भी यह बेमेल जोड़ी बार-बार साथ आती है और अलग हो जाती। आज हम राजनीती की ऐसी ही कुछ बेमेल जोड़ियों के बारे में बात करेंगे जो अलग विचारधारा होने के बावजूद साथ आए।


1. नीतीश कुमार - लालू यादव :लालू-नीतीश के रिश्ते की कहानी किसी फिल्म स्क्रिप्ट से कम नहीं है। 1970 के दशक में लालू और नीतीश पहली बार जयप्रकाश नारायण के सोशलिस्ट आंदोलन के दौरान साथ आए। उस वक्त दोनों नेता राजनीति के गुर सीखने में लगे थे। 1990 में नीतीश की मदद से पहली बार लालू बिहार के मुख्यमंत्री बने। बाद में दोनों में टकराव हुआ और नीतीश राजग के साथ मिल गए। करीब 17 साल तक भाजपा के साथ रहने के बाद 2014 में लालू-नीतीश के बीच महागठबंधन हुआ। यह बेमेल दोस्ती तीन साल भी नहीं चल पाइ। एक बार फिर नीतीश ने लालू का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।3. मुफ्ती मोहम्मद सईद - नरेंद्र मोदी :
जम्मू एंड कश्मीर पीपुल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद कभी भाजपा के साथ सरकार बनाएंगे। यह किसी ने नहीं सोचा था। मुफ्ती मोहम्मद दो बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं। साल 2015 में तकरीबन एक साल तक मुख्यमंत्री रहने के बाद उनकी सरकार खतरे में आ गई थी। ऐसे में मुफ्ती को मजबूरन भाजपा से हाथ मिलाना पड़ा और पीडीपी-बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बनीं महबूबा मुफ्ती, जोकि मुफ्ती मोहम्मद की बेटी हैं। पीडीपी और बीजेपी की विचारधारा में बहुत बड़ा अंतर है। एक तरफ जहां पीडीपी अलगाववादियों के प्रति नरम रहती हैं, वहीं बीजेपी उनके खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलती है।5. इवांका ट्रंप - चेल्सी क्लिंटन :एक साल पहले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन के बीच जबर्दस्त टक्कर हुई। दोनों प्रतिद्वंदी एक-दूसरे को हराने में जी-तोड़ मेहनत करते रहे। हालांकि अमेरिका की जनता ने आखिरकार ट्रंप को अपना नया राष्ट्रपति चुना और हिलेरी क्िलंटर को हार से संतोष करना पड़ा। इतना सब होने के बाद भी एक बात खास रही। वो है इवांका ट्रंप और चेल्सी क्िलंटन की दोस्ती। दो विरोधी सोच वाले नेताओं की बेटियां आपस में बहुत अच्छी दोस्त हैं।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari