Lucknow: कल तक जिनके इशारे पर पुलिस-प्रशासन उलटे पांव दौड़ा चला आता था महज इच्छा जाहिर कर देने भर से बड़ी से बड़ी सुख सुविधा का सामान पलक झपकते ही सामने आ जाता था. उस शख्स की हालत यूं हो गई कि एक घंटे की नींद की चाहत में वह दहाड़ मारकर रो पड़ा. हम बात कर रहे हैं उन्नाव रेप कांड के आरोप में अरेस्ट किये गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की. बीती रात अरेस्टिंग के बाद विधायक कुलदीप से पूछताछ का दौर चला तो चलता ही रहा. काफी मिन्नतों के बाद भी जब नींद नसीब न हुई तो विधायक कुलदीप सिंह सेंगर फफक कर रो पड़े. हालांकि इसका सीबीआई टीम पर असर नहीं पड़ा. वहीं शनिवार शाम सीबीआई टीम ने आरोपी विधायक को कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया.

- सीबीआई से रात में सोने के लिए मिन्नतें कर रहे विधायक, फफक पड़े

- पीडि़ता व परिजनों को लखनऊ लाई सीबीआई टीम

- पीडि़ता का कराया मेडिकल चेकअप

एक घंटे की नींद के लिये मिन्नतें
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, बीती रात अरेस्टिंग के बाद सीबीआई ने विधायक सेंगर से पूछताछ के लिये छह टीमें बना दीं। हर टीम के पास अपने सवाल थे। इन टीमों ने दो-दो घंटे पूछताछ की। रात नौ बजे शुरू हुआ सिलसिला पूरी रात जारी रहा। लेकिन, सुबह चार बजते-बजते विधायक सेंगर का धैर्य जवाब दे गया। वे एक घंटे की नींद के लिये मिन्नते करने लगे। लेकिन, सीबीआई टीमों को अपने सवालों के जवाब चाहिये थे। सीबीआई अधिकारियों को न पसीजता देख विधायक फफक पड़े। पर, उनके आंसुओं का टीमों पर कोई असर न पड़ा और उन्होंने बारी-बारी से अपनी पूछताछ जारी रखी। बताया जाता है कि शुरूआती पूछताछ में सीबीआई टीमों को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। जिन पर पुलिस कस्टडी रिमांड में पूछताछ की जाएगी।

सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड
हाईकोर्ट की फटकार के बाद अरेस्ट किये गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को शनिवार को सीबीआई ने रिमांड मजिस्ट्रेट सुनील कुमार के समक्ष पेश किया और रिमांड अर्जी लगाई। विधायक की ओर से एडवोकेट सत्येन्द्र सिंह ने एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर न्यायिक रिमांड अस्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया। बचाव पक्ष का तर्क था कि जिस समय की घटना बताई जा रही है, उस समय अभियुक्त दिल्ली में मौजूद था। अर्जी का विरोध करते हुए अभियोजन की ओर से सीबीआई के वकील विनीत कुमार का तर्क था कि विवेचक ने पीडि़त, उसकी मां एवं अन्य साथियों का बयान दर्ज किया है। इस प्रकरण की विवेचना चल रही है और साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है। अदालत ने बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया है। सीबीआई ने रिमांड अर्जी में कहा कि आरोपी बांगरमऊ जिला उन्नाव का बाहुबली विधायक है तथा प्रभावशाली होने के कारण मौखिक एवं दस्तावेजीय साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकता है। यह भी कहा कि इस प्रकरण के गवाहों का आरोपी से आमना-सामना कराकर सच्चाई का पता किया जाना है तथा कई और साक्ष्य एकत्रित करने हैं। जिस पर रिमांड मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने आरोपी विधायक की सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली। रिमांड अवधि शनिवार 14 अप्रैल को शाम छह बजे से 21 अप्रैल को सुबह 10 बजे तक प्रभावी होगी।

पीडि़ता की कराई मेडिकल जांच
सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम उन्नाव पहुंची और एक होटल में ठहरी पीडि़ता व उसके परिजनों को साथ लेकर लखनऊ पहुंची। डॉ। राममनोहर लोहिया हॉस्पिटल में पीडि़ता का जनरल चेकअप, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचें भी की गई। हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ। डीएस नेगी ने बताया कि पीडि़ता का मेडिको लीगल जांच और उसकी उम्र का पता लगाने के लिए एक्सरे कराया गया है। रिपोर्ट भी सीबीआई को दे दी गई है। गौरतलब है कि, एक्सरे जांच से यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की उम्र कितनी है। उल्लेखनीय है कि पीडि़ता की मां की तहरीर पर आरोपी विधायक के खिलाफ रेप के अलावा पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है। पीडि़ता ने दावा किया था कि जब उसके साथ रेप हुआ था तब वह नाबालिग थी। एक्स-रे जांच में अगर पीडि़ता बालिग निकली तो दर्ज एफआईआर से पॉक्सो एक्ट की धारा हट सकती है। गौरतलब है कि पीडि़ता का यह दूसरा मेडिकल एग्जामिनेशन था। उन्नाव पुलिस इससे पहले उसकी मेडिकल जांच करवा चुकी है।

आमने-सामने बिठाकर होगी पूछताछ
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि विधायक सेंगर से पूछताछ के लिये 250 सवालों की लिस्ट बनाई गई थी। इन सवालों में पीडि़ता के बयान के आधार पर भी कुछ सवाल तैयार किये थे। बीती रात इन्हीं सवालों के जवाब विधायक सेंगर से पूछे गए। शनिवार को पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो जाने के बाद अब रविवार को पीडि़ता को सामने बिठाकर आरोपी विधायक सेंगर से सवाल-जवाब किये जाएंगे।

 

'बड़े अधिकारी किसकी शह पर बचा रहे थे आरोपियों को'
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उन्नाव की घटना से भाजपा सरकार के एनकाउंटर के दावों की पोल खुल गयी। उन्नाव की घटना के लिए सिर्फ सरकार दोषी है। अपराधियों को वही बचा रही थी। आखिर डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह किसकी शह पर आरोपियों को बचा रहे थे। उम्मीद है कि सीबीआइ जांच से पीडि़तों को न्याय मिलेगा। शनिवार को सपा कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब अखिलेश ने कहा कि उन्नाव और कठुआ जैसे अपराध पूरे देश में हो रहे हैं। खासकर भाजपा शासित राज्यों में। विपक्ष के लोगों पर ज्यादती हो रही है। दलितों का उत्पीड़न बढ़ा है। हाल के दिनों में आंदोलन के नाम पर बड़ी संख्या में दलितों पर फर्जी मुकदमें दर्ज हुए हैं।

Posted By: Inextlive