Meerut: देश की 65 फीसदी आबादी 18 से 40 वर्ष के बीच की है. देश में 25 से 30 फीसदी तक स्टूडेंट्स हैं. शायद रेलमंत्री इन आंकड़ों को भूल गए शायद इसीलिए रेल बजट में इस वर्ग की अनदेखी हुई. है. मेरठ का युवा इस रेल बजट को अनयूथफुल कह रहा है. सोचा था ममता दीदी की तरह पवन काका भी यूथ ट्रेन देंगे लेकिन ऐसा पवन काका ने ऐसा कुछ नहीं किया. ना तो उन्होंने यूथ को किराए में कुछ कंसेशन किया. ना ही उनके लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान किया. वाई-फाई का वादा भी कुछ ट्रेनों में करके यूथ की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.


सभी में वाई फाई क्यों नहीं पवन काका से यूथ का सबसे पहला सवाल ये है कि क्या वाईफाई सुविधा कुछेक स्पेशल ट्रेनों के कोच में ही क्यों की गई? क्या यूथ कुछ खास ट्रेनों में ही सफर करता है? शायद पवन काका इस बात को भूल गए हैं कि देश का अधिकतर यूथ लैपटॉप और वाई यूज करता है। देश में स्मार्ट फोन्स रखने वाले यूथ की संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है। तो ये सुविधा देश तमाम रूट की सभी ट्रेनों में की जानी चाहिए थी।स्पेशल ट्रेन क्यों नहीं?


आज सिटी ही नहीं पूरे देश को ममता दीदी के 2009-10 के रेल बजट की बहुत याद आ रही है। उन्होंने देश में युवाओं को रिझाने के लिए युवा रेल चलाई थी। पांच साल बात तो यूथ को पूरी उम्मीद थी कि इस बार तो 18 साल बाद कोई कांग्रेसी रेल मंत्री इस तरह की पहल करेगा, लेकिन पवन काका ने इस मामले में भी यूथ को पूरी तरह से निराश किया। पावन काका भूल गए कि बीते महीनों में हुए असेंबली इलेक्शन में 60 फीसदी से अधिक भागेदारी थी और 2014 के पार्लियामेंट्री इलेक्शन भी दूर नहीं। कोई कंसेशन तो देते

सिटी के अलावा देश के तमाम युवाओं की ये भी शिकायत है कि आपने फ्यूल सरचार्ज, कैंसिलेशन चार्ज में बढ़ोत्तरी, एसी की तत्काल टिकट का चार्ज को बढ़ाकर जो महंगाई बढ़ाई है, उसी हिसाब से स्टडी करने वाले, नौकरी के लिए कांप्टीशन एग्जाम देने वाले यूथ को थोड़ी बहुत रियायत जरूर होनी चाहिए। यूथ को एसी में सफर करने के लिए स्पेशल पास की शुरूआत करनी चाहिए थी। तो एक जनरल कोच देतेरेल बजट से एक और गुजारिश थी कि पढऩे वाले स्टूडेंट को मुज्जफरनगर, साहरनपुर आदि जिलों से दिल्ली पढऩे जाना पड़ता है तो लटककर जाना पढ़ता है। यहां कि ट्रेन की छतों से लेकर कपलिंग तक में यूथ अपनी जोखिम डालकर सफर करते हैं। अगर पैसेंजर ट्रेनों में यूथ के लिए स्पेशल कोच होता तो उन्हें काफी राहत हो जाती है। लेकिन पवन काका को उनकी इस पर एतराज दिखा।'यूथ के साथ-साथ किसी के लिए भी बजट में नहीं है। सभी वर्गों के लिए सिर्फ औपचारिकता पूरी हुई है। सरकार में इच्छाशक्ति नहीं है। मालभाड़ा बढ़ाया गया। जिससे कीमतों में दाम बढ़ेंगे। इस बजट में कुछ भी नहीं है.'- गोपाल अग्रवाल, सपा नेता

'पूरी तरह से अनयूथफुल बजट है। न तो बजट में युवाओं के लिए नौकरियों के लिए प्रावधान है। न ही उनके कोई स्पेशल ट्रेन और कोच की व्यवस्था की गई। इस रेल बजट से युवाओं का निराश होना लाजमी है.'- सुनील वाधवा, बसपा नेता'वेस्ट यूपी को इस बजट में कुछ नहीं मिला। इस औद्योगिक नगरी के लिए पीएम को पत्र लिखकर हस्तिनापुर, पानीपत के लिए दोहरीकरण की बात की थी और पीएम ने वादा भी किया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.'-  विनीत अग्रवाल शारदा, भाजपा नेता'ये एक ऐतिहासिक बजट है। इसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। 23 घंटे इंटरनेट बुकिंग इससे बेहतर रेल बजट और क्या हो सकता है। रेल मंत्री से मांग करूंगा कि आजादी एक्सप्रेस मेरठ से चलाएं.'- मो। इमरान, महामंत्री, जिला कांग्रेस कमेटी

Rail Budget: महंगा होगा सफर Train No। 12287 Posted By: Inextlive