UP Assembly Elections 2022 : यूपी विधानसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अयोध्या अपने पहले चुनाव का सामना करने के लिए तैयार है। इस दाैरान यहां चुनाव प्रचार में भाजपा इस पर जोर दे रही है कि उसी की वजह से राम मंदिर निर्माण हो रहा है वहीं पिपक्ष यह कह रह है कि राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है।


अयोध्या (आईएएनएस)। UP Assembly Elections 2022 : राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अयोध्या अपने पहले विधानसभा चुनाव का सामना करने के लिए तैयार है। अयोध्या में 3 मार्च को मतदान होना है। ऐसे में इस पवित्र शहर में एक हाई वोल्टेज कैंपेन देखा जा रहा है जो 'काम (काम)' के बजाय 'राम' के इर्द-गिर्द घूम रहा है। भाजपा इस तथ्य पर जोर दे रही है कि उसी की वजह से राम मंदिर निर्माण हो रह है, जबकि विपक्ष यह प्रचार कर रहा है कि यह मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाया जा रहा है। अयोध्या में चुनाव प्रचार कर चुके भाजपा के शीर्ष नेता इस बात को रेखांकित कर रहे हैं कि मंदिर निर्माण मोदी सरकार की वजह से ही संभव हुआ। वे 'राम राज्य' के युग की शुरुआत करने का दावा करते हैं और उदाहरण के तौर पर 'दीपोत्सव' कार्यक्रम का हवाला देते हैं। भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, एक स्थानीय व्यवसायी हैं। वह 'राम' के नाम पर दोबारा चुनाव की मांग कर रहे हैं।विधायक वेद प्रकाश राम की लहर पर दे रहे हैं जोर
वहीं एक अन्य स्थानीय व्यवसायी रामनेश त्रिपाठी कहते हैं, पांच साल तक वह हमारे साथ नहीं रहे और अब वह चाहते हैं कि हम राम के कारण उन्हें वोट दें। वेद प्रकाश गुप्ता राम की लहर पर ऊंची सवारी करने की उम्मीद करते हैं और मंदिर निर्माण का श्रेय लेने का दावा कर रहे हैं। वेद प्रकाश गुप्ता अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं और कहते हैं कि पवित्र शहर विश्व स्तरीय विकास देख रहा है जो इसे वैश्विक मानचित्र पर रखेगा। इस दाैरान उनके कुछ अति उत्साही समर्थकों ने 'राम राज' के पैकेट भी बांटना शुरू कर दिया। तेज नारायण पांडे बोले 'राम' के बजाय 'काम' पर फोकस1991 के बाद से, भाजपा केवल एक बार 2012 में अयोध्या सदर सीट हारी थी जब सपा के तेज नारायण पांडे ने लल्लू सिंह को हराया था। पांडे फिर यहां से सपा के उम्मीदवार हैं और उनकी कहानी 'राम' के बजाय 'काम' के इर्द-गिर्द घूमती है। राम सबके हैं और भाजपा के कॉपीराइट नहीं हैं। मंदिर निर्माण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी न कि भाजपा सरकार ने। पूर्व छात्र नेता तेज नारायण पांडे सड़क चौड़ीकरण के लिए प्रस्तावित सैकड़ों दुकानों और मकानों को तोड़े जाने से स्थानीय आक्रोश को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।

Posted By: Shweta Mishra