-एग्जाम के पहले ही दिन कई सेंटर्स का प्रभावित रहा वेबकास्टिंग

-इंटरनेट कनेक्टविटी तो किसी सेंटर्स पर कम जीबी का नेट पैक की समस्या

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यूपी बोर्ड के दसवीं व बारहवीं की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई। पहले दिन हिंदी विषय की परीक्षा हुई। वहीं एग्जाम की वेबकास्टिंग के लिए इस बार सभी सेंटर्स पर वॉयस रिकार्डर युक्त सीसी कैमरा राउटर भी लगाए गए हैं ताकि डिस्ट्रिक्ट से लेकर राज्य स्तर पर परीक्षा की ऑनलाइन मॉनीट¨रग की जा सके। वहीं पहले ही दिन कई सेंटर्स पर इंटरनेट कनेक्टविटी की समस्या सामने आई। एग्जाम स्टार्ट होने के 30 मिनट बाद बनारस के 15 सेंटर लखनऊ स्थित राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के रडार से गायब हो गए।

पहले ही दिन निकली हवा

राज्यस्तरीय कंट्रोल लखनऊ से बनारस के सेंटर्स का संपर्क टूटते ही शासन स्तर पर परीक्षा की मॉनीटरिंग के लिए गठित सेल का फोन बनारस के कंट्रोल रूम तक घनघनाने लगा। राजकीय क्वींस इंटर कालेज में गठित डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम से तत्काल संबंधित सेंटर्स से संपर्क किया गया। इंटरनेट कनेक्टविटी तो किसी सेंटर पर कम जीबी का नेट पैक की समस्या सामने आई।

सिम से चला रहे वेबकास्टिंग

डीआइओएस डॉ। वीपी सिंह ने बताया कि जिन सेंटर्स ने नेट के लिए ब्रांडबैंड का कनेक्शन लिया है। उन सेंटर्स पर परीक्षा की वेबकास्टिंग को लेकर किसी प्रकार की समस्या नहीं है। वहीं कुछ केंद्र सिम के नेट पैक से परीक्षा की वेबकास्टिंग संचालित कर रहे हैं। ऐसे सेंटर्स ने डेली दो जीबी का डेटा पैक भरवाया है। सभी सेंटर्स को सीसी टीवी कैमरे का फुटेज भी सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है। वीडियो डाउनलोड करने के चक्कर पर आधे घंटे में ही कई सेंटर्स का डेटा खत्म हो गया। इसके चलते कई सेंटर्स का लखनऊ से संपर्क टूट गया था। हालांकि जनपदीय कंट्रोल रूम से संपर्क बना हुआ था। डीआईओएस ने सभी सेंटर्स से कम से कम दस जीबी डेटा पैक लेने का निर्देश दिया है।

एक कक्ष निरीक्षक के भरोसे एग्जाम

हजार दावे के बावजूद बोर्ड एग्जाम के पहले दिन कई सेंटर्स पर कक्ष निरीक्षकों की कमी देखी गई। प्रभु नारायण राजकीय इंटर कालेज में पांच में से एक शिक्षक ही पहुंचे थे। इसी प्रकार सीएमजीएस इंटर कालेज में 21 में 17 कक्ष निरीक्षक गायब रहे।

डीआईओएस ने कहा कि शिक्षकों के लिए परीक्षा ड्यूटी करना अनिवार्य है। उनकी सेवा शर्तो में इस बात का उल्लेख भी है। ऐसे में यदि कोई शिक्षक परीक्षा ड्यूटी नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होना तय है।

केंद्राध्यक्ष करते रहे मॉनीटरिंग

वॉयस रिकार्डरयुक्त सीसी कैमरा व राउटर लगे होने के कारण परीक्षार्थी सिर झुकाए चुपचाप तीन घंटे तक कापियों पर नजर गड़ाए रहे। परीक्षा के दौरान एक सेंटर पर एक कक्ष निरीक्षक कमरे से बाहर निकल गए थे। जनपदीय कंट्रोल रूम तत्काल केंद्राध्यक्ष को फोन कर कक्ष निरीक्षकों को तीन घंटे तक परीक्षा हाल में ही रहने का निर्देश दिया। हालांकि परीक्षा की वेबकास्टिंग का मनोवैज्ञानिक प्रभाव परीक्षार्थियों से अधिक कक्ष निरीक्षकों पर देखा गया।

फ्लाइंग स्क्वाड के हाथ रहे खाली

परीक्षा में नकल रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इस क्रम परीक्षार्थियों के साथ-साथ कक्ष निरीक्षकों पर भी कड़ी निगाह रखी जा रही है। परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षकों का मोबाइल फोन जमा करा लिया गया था। संवेदनशील केंद्रों पर पर्यवेक्षक तैनात कर दिए गए थे। इसके अलावा पांच जोन व व 18 सेक्टर में मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे। परिक्षेत्र, मंडल व जनपद स्तर पर गठित अलग-अलग सचल दस्ते की टीम दोनों पालियों में विभिन्न केंद्रों का निरीक्षण की। हालांकि सभी टीमें खाली हाथ ही लौटी। उन्हें किसी भी केंद्र पर कोई परीक्षार्थी अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए नहीं मिला।

Posted By: Inextlive