- वाइटनर के प्रयोग को रोकने के लिए बोर्ड ने दिए कड़े निर्देश

- उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए बोर्ड में शुरू हुई दो दिवसीय संगोष्ठी

ALLAHABAD: उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद अंक देते समय होने वाली गलतियों को वाइटनर लगाकर सही करने को रोकने के लिए बोर्ड ने कड़े निर्देश दिए हैं। बोर्ड की ओर से मूल्यांकन में लगे परीक्षकों को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान अंक देने में अगर कोई त्रुटि करते हैं तो उसे वाइटनर से सही ना करें। उसे ठीक करने के लिए अनुक्रमांक की सीसी-16 रिपोर्ट तैयार करके भेजे। बोर्ड की ओर से ऐसा कदम विवादों से बचने और मूल्यांकन कार्य में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

अंकों को लेकर होता था विवाद

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं खत्म होने के बाद 30 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का कार्य किया जाना है। इसके लिए बोर्ड ने परीक्षकों के लिए विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें परीक्षकों द्वारा वाइटनर के प्रयोग को रोकने का सख्त निर्देश दिया गया है। बोर्ड की ओर से मूल्यांकन के दौरान अब एवार्ड ब्लैंक की ओएमआर शीट बनती है। प्रत्येक शीट में 30 परीक्षार्थियों को अंक दिए जा सकते हैं। इसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर भरा जाना है। अंतर बस इतना है कि प्रतियोगी परीक्षा में परीक्षार्थी इसमें नीले या काले रंग से गोले भरते हैं, जबकि बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के वक्त यह कार्य परीक्षक को करना होता है। कई बार गलत अंक दर्ज होने पर परीक्षक उसे काटकर वाइटनर लगा देते हैं इससे शीट की एक प्रति तो दुरुस्त हो जाती है, लेकिन दूसरी प्रति गड़बड़ ही रहती है इससे अंकों को लेकर विवाद होता रहा है। ऐसे में बोर्ड सचिव शैल यादव ने किसी भी दशा में वाइटनर का प्रयोग न करने को कहा है। यदि परीक्षक से गलती होती है तो वह उसे ठीक करने के लिए अनुक्रमांक की सीसी-16 रिपोर्ट तैयार करके भेजे। जिससे किसी भी प्रकार के विवाद को रोका जा सके।

कोडिंग कापियों पर खास नजर

यूपी बोर्ड की ओर से संवेदनशील 31 जनपदों में इस बार कोडिंग कापियों का प्रयोग किया गया था। ऐसा कापियों की अदला-बदली को रोकने के लिए किया गया। ये कापियां जिन जिलों में भेजी गई उन जिलों को रेंज बोर्ड की ओर से जानकारी दी गई थी। ऐसे में यदि बाहरी रेंज की कापियां किसी जिले में पहुंचती हैं तो उसका मूल्यांकन नहीं होगा। इसके साथ ही परीक्षकों को बंडल खोलने के बाद यह ध्यान रखना होगा कि सभी कापियां कोडिंग वाली ही हैं। यदि कोई कापी बिना कोडिंग की मिलती है तो उसका मूल्यांकन करके उसे अलग से यूपी बोर्ड सचिव के पास भेजने का निर्देश दिया गया है। यही नहीं कापियों के मूल्यांकन से पहले अनुपस्थित परीक्षार्थियों की सूची की भी जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे अगर परीक्षार्थी के अनुपस्थित होने के बाद भी उसकी कापी मिलती है, तो उसे तत्काल बोर्ड सचिव को भेजा सके।

मीटिंग में शामिल हुए अफसर

बोर्ड परीक्षाओं में मूल्यांकन की तैयारियों को लेकर रविवार को मुख्यालय पर मेरठ व इलाहाबाद परिक्षेत्र की मीटिंग हुई। इसमें इलाहाबाद के 68 व मेरठ के 60 जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षक, मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्य, उप नियंत्रक, संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं अपर सचिव पहुंचे। सभी को मूल्यांकन निर्देश विस्तृत रूप से दिए गए। इसमें माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमर नाथ वर्मा को आना था, लेकिन वह नहीं आए। बोर्ड सचिव शैल यादव ने ही जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में अनियमितता नहीं होनी चाहिए। यदि किसी सवाल का जवाब गलत है तो उसे केवल काटकर नहीं छोड़ा जाना है, बल्कि उसके सम्मुख शून्य अंक भी लिखा जाना है।

Posted By: Inextlive